नई दिल्ली,3अक्टूबर। भारतीय नौसेना का 56-फीट लंबा नौकायन पोत, INSV तारिणी बीते बुधवार को नविका सागर परिक्रमा के दूसरे संस्करण के अभियान के लिए रवाना हुआ। इस अभियान को भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने गोवा के आईएनएस मांडोवी में ओशन सेलिंग नोड से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस साहसिक यात्रा में भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारी, लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा, पहली बार वैश्विक नौकायन यात्रा करेंगी।
240 दिनों में 23,400 समुद्री मील की दूरी तय करेगा यह साहसिक अभियान
बता दें कि यह अभियान चार महाद्वीपों, तीन महासागरों और तीन कठिन केपों को पार करते हुए 240 दिनों में 23,400 समुद्री मील की दूरी तय करेगा। यह साहसिक यात्रा भारत की समुद्री क्षमताओं को दिखाने के साथ-साथ “आत्मनिर्भर भारत” पहल का एक बड़ा उदाहरण है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह यात्रा गोवा से शुरू होकर पहले फ्रेमेंटल, ऑस्ट्रेलिया जाएगी,फिर फ्रेमेंटल से लिटलेटन, न्यूजीलैंड इसके बाद लिटलेटन से पोर्ट स्टेनली, फॉकलैंड द्वीप, और वहां से केपटाउन, दक्षिण अफ्रीका होते हुए यह यात्रा अंत में गोवा वापस पहुंचेगी।
INSV तारिणी देश की आत्मनिर्भरता का प्रतीक : नौसेना प्रमुख
गौरतलब है कि INSV तारिणी, जो पूरी तरह से भारत में निर्मित है, देश की आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। एडमिरल त्रिपाठी ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी यह यात्रा पूरे देश की महिलाओं के लिए प्रेरणा बनेगी और उन्हें प्रोत्साहित करेगी कि वे अपनी सीमाओं को पार करें और “नारी शक्ति” को नए सिरे से परिभाषित करें। उन्होंने कहा, “इस साहसिक यात्रा से यह साबित होता है कि जीवन में संभावनाएं असीमित हैं, जैसे महासागर।”
भारतीय नौसेना ने दोनों अधिकारियों के सफल और साहसिक यात्रा की कामना की और कहा कि उनकी यह यात्रा “साहसी दिल, असीमित समुद्र” का संदेश दुनिया भर में फैलाएगी।