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UN में जयशंकर का कठोर प्रहार : कट्टरपंथ से मापी जाती है पाकिस्तान की GDP, यह उसी का कर्म

UN में जयशंकर का कठोर प्रहार : कट्टरपंथ से मापी जाती है पाकिस्तान की GDP, यह उसी का कर्म

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न्यूयॉर्क, 28 सितम्बर। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की 79वीं बैठक में दिए गए अपने संबोधन में पाकिस्तान पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की GDP को केवल कट्टरपंथ और आतंकवाद फैलाने के रूप में मापा जा सकता है। इसको लेकर वह दुनिया को दोष नहीं दे सकता, यह केवल उसका कर्म है।

पाकिस्तान को घेरते हुए जयशंकर ने कहा, ‘कई देश अपने नियंत्रण से परे परिस्थितियों के कारण पीछे छूट जाते हैं, लेकिन कुछ देश जान बूझकर ऐसे फैसले लेते हैं, जिनके परिणाम विनाशकारी होते हैं। इसका एक बेहतरीन उदाहरण हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान है। दुर्भाग्य से, उसके कुकृत्यों का असर दूसरों पर भी पड़ता है, खासकर पड़ोस पर। जब यह राजनीति अपने लोगों में इस तरह की कट्टरता भरती है। उसकी जीडीपी को केवल कट्टरता और आतंकवाद के रूप में इसके निर्यात के संदर्भ में मापा जा सकता है।’

विदेश मंत्री ने कहा, ‘आज हम देखते हैं कि दूसरों पर जो बुराइयां लाने की कोशिश की गईं, वे उसके (पाकिस्तान) अपने समाज को निगल रही है। वह दुनिया को दोष नहीं दे सकता। यह केवल कर्म है। दूसरों की जमीनों पर लालच करने वाले बेकार देश को उजागर किया जाना चाहिए और उसका मुकाबला किया जाना चाहिए।’

‘हम इसी तरह चलते रहे, तो दुनिया की स्थिति और खराब होगी’

जयशंकर ने कहा, ‘देशों ने अंतरराष्ट्रीय प्रणाली से जितना दिया है, उससे कहीं अधिक निकाला है। हम हर चुनौती और हर संकट में इसे स्पष्ट रूप से देखते हैं, इसलिए बहुपक्षवाद में सुधार करना जरूरी है… विभाजन, संघर्ष, आतंकवाद और हिंसा का सामना करने वाले संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसे पूरा नहीं किया जा सकता है। न ही इसे आगे बढ़ाया जा सकता है। हर बदलाव कहीं न कहीं से शुरू होना चाहिए और जहां से यह सब शुरू हुआ है, उससे बेहतर कोई जगह नहीं हो सकती। हम, संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को अब गंभीरता से और उद्देश्यपूर्ण तरीके से उस कार्य को पूरा करना चाहिए। इसलिए नहीं कि यह विदेशी प्रभावों की प्रतिस्पर्धा है, बल्कि इसलिए कि यदि हम इसी तरह चलते रहे, तो दुनिया की स्थिति और खराब होती जाएगी।’

इस मुश्किल समय में आशावाद को फिर से जगाना जरूरी

उन्होंने कहा, ‘इस मुश्किल समय में, उम्मीद जगाना और आशावाद को फिर से जगाना जरूरी है। हमें यह दिखाना होगा कि बड़े बदलाव संभव हैं…जब भारत चांद पर उतरा, अपना 5जी तैयार किया, दुनियाभर को टीके भेजे तो इसमें एक संदेश छिपा है। विकसित भारत का बारीकी से पालन किया जाएगा। कई लोगों के पीछे छूट जाने का एक महत्वपूर्ण कारण मौजूदा वैश्वीकरण मॉडल की अनुचितता है। उत्पादन के अत्यधिक संकेन्द्रण ने कई अर्थव्यवस्थाओं को खोखला कर दिया है, जिससे उनके रोजगार और सामाजिक स्थिरता पर असर पड़ा है।’

गाजा और यूक्रेन युद्ध पर भी बोले जयशंकर

डॉ. जयशंकर ने गाजा और यूक्रेन युद्ध का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दुनिया बड़े पैमाने पर हिंसा की निरंतरता के बारे में भाग्यवादी नहीं हो सकती, न ही इसके प्रति असंवेदनशील हो सकती है। चाहे वह यूक्रेन में युद्ध हो या गाजा में संघर्ष, अंतरराष्ट्रीय समुदाय तत्काल समाधान चाहता है। इन भावनाओं को स्वीकार किया जाना चाहिए और उन पर काररवाई की जानी चाहिए…आतंकवाद दुनिया की हर चीज के विपरीत है। इसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों का दृढ़ता से विरोध किया जाना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादियों को प्रतिबंधित करने में भी राजनीतिक कारणों से बाधा नहीं डाली जानी चाहिए।’

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