तिरुपति मंदिर के प्रसाद में फिश ऑयल मिलने की पुष्टि, सीएम चंद्रबाबू ने लगाया था ‘जानवरों की चर्बी’ की मिलावट का आरोप
हैदराबाद/नई दिल्ली, 19 सितम्बर। आंध्र प्रदेश में तिरुमाला की पहाड़ियों पर स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में फिश ऑयल मिलने की पुष्टि हुई है। दरअसल, नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड की रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा किया गया है, जिसने लाखों-करोड़ों लोगों के आस्था के केंद्र भगवान वेंकटेश्वर मंदिर के प्रसाद रूपी लड्डू में चर्बी और बीफ मिले होने की पुष्टि की है।
जगन राज में प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी मिलाई जाती थी!
उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पर आरोप लगाया था कि जगन राज में तिरुपति मंदिर के प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी मिलाई जाती थी। इसके बाद सैंपल जांच के लिए भेजे गए। अब जांच के बाद रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें फिश ऑयल मिलने की बात कही गई है।
चंद्रबाबू नायडू ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी और घटिया क्वालिटी का सामान इस्तेमाल होता था। उन्होंने कहा, ‘हमने ये सुनिश्चित किया कि प्रसाद में असली घी, साफ-सफाई और अच्छी क्वालिटी का ध्यान रखा जाए।’
YSRCP का जवाब – चंद्रबाबू की टिप्पणी बेहद घटिया
सीएम नायडू के इस बयान पर जगन मोहन रेड्डी की पार्टी YSRCP ने भी जवाब दिया। इसमें कहा गया कि चंद्रबाबू नायडू ने दिव्य मंदिर तिरुमाला की पवित्रता और करोड़ों हिन्दुओं की आस्था को नुकसान पहुंचाकर बहुत बड़ा पाप किया है। नायडू द्वारा तिरुमाला के प्रसाद पर की गई टिप्पणी बेहद घटिया है। मनुष्य जन्म में जन्मा कोई भी व्यक्ति ऐसे शब्द नहीं बोलता और न ही ऐसे आरोप लगाता है। एक बार फिर यह साबित हो गया है कि राजनीति के लिए चंद्रबाबू कुछ भी गलत करने से नहीं हिचकिचाएंगे।’
जगन मोहन रेड्डी ने कहा, ‘भक्तों की आस्था को मजबूत करने के लिए मैं और मेरा परिवार तिरुमाला प्रसाद के मामले में शपथ लेने के लिए तैयार है। क्या चंद्रबाबू भी अपने परिवार के साथ शपथ लेने के लिए तैयार हैं?
तिरुपति लड्डू भी घटिया सामान से बनाने का आरोप
उल्लेखनीय है कि श्री वेंकटेश्वर मंदिर में तिरुपति लड्डू चढ़ाया जाता है, जिसका संचालन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) करता है। एनडीए विधायक दल की बैठक को संबोधित करते हुए सीएम नायडू ने दावा किया था कि तिरुमाला लड्डू भी घटिया सामग्री से बनाया जाता था, घी की जगह पशु वसा का इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन अब शुद्ध घी का इस्तेमाल किया जा रहा है और मंदिर में हर चीज को सैनिटाइज किया गया है, जिससे गुणवत्ता में सुधार हुआ है।