चिराग पासवान ने पीएम मोदी को दिया धन्यवाद, लेटरल एंट्री प्रस्ताव रद होने पर बोले – ‘सरकार ने कायम की मिसाल’
नई दिल्ली, 20 अगस्त। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्कृत और उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने लेटरल एंट्री से होने वाली नियुक्तियों का प्रस्ताव रद करने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा है कि इस फैसले से केंद्र सरकार ने मिसाल कायम की है।
उम्मीद है कि भविष्य की सरकारें भी ऐसी ही संवेदनशीलता दिखाएंगी
एनडीए सरकार के एक घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा, ‘मैं अपनी पार्टी की तरफ से लेटरल एंट्री को रद करने के लिए अपने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूं। इस सरकार ने एक मिसाल कायम की है। उम्मीद है कि भविष्य की सरकारें भी जनता की भावनाओं के लिए इसी तरह की संवेदनशीलता दिखाएंगी।’
चिराग पासवान ने कहा, ‘जब से यह मुद्दा मेरे संज्ञान में आया है, मैंने इसे अधिकारियों के सामने उठाया है। मैंने इस मुद्दे पर एससी-एसटी और पिछड़े लोगों की चिंताओं को प्रधानमंत्री के सामने भी रखा है। पिछले डेढ़ दो दिन में मैंने उनको तैयार कर पीएमओ में भी भेजने का काम किया।’
LJP प्रमुख ने विपक्ष पर भी साधा निशाना
इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना के बारे में सवाल पर पासवान ने कहा, ‘जब विपक्ष हम पर अंगुली उठाता है तो उसे याद रखना चाहिए कि तीन अंगुलियां खुद उसकी ओर उठती हैं। सत्ता में रहते हुए इन दलों ने एससी, एसटी और ओबीसी के लिए रिजर्व पदों पर भर्तियां क्यों सुनिश्चित कीं। मौजूदा सरकार को सत्ता में आए सिर्फ 10 साल हुए हैं। फिर भी विपक्ष सिर्फ एनडीए को निशाना बनाकर चुनिंदा आलोचना करने में बिजी है। पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में रेप की घटना पर उनकी चुप्पी को देखिए।’
लेटरल एंट्री को लेकर क्यों छिड़ा विवाद
उल्लेखनीय है कि 17 अगस्त को यूपीएससी ने सीनियर अधिकारियों की नियुक्ति के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था। इसमें पदों की संख्या 45 थी। ये पद लेटरल एंट्री से भरे जाने थे। यानी ये यूपीएससी की ज्यादातर भर्ती परीक्षाओं की तरह एंट्री लेवल पर न होकर सीधे उच्च पदों में भर्ती के लिए हैं। 45 पदों में 10 संयुक्त सचिव और 35 निदेशक और उप-सचिव के पद थे। इनकी नियुक्तियां केंद्र सरकार के 24 मंत्रालयों में की जानी थीं। लेटरल एंट्री के इन पदों का नोटिफिकेशन आते ही विवाद छिड़ गया था। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार लेटरल एंट्री के जरिए रिजर्वेशन की अनदेखी कर रही है। इसके बाद आज सरकार ने विज्ञापन रद कर दिया।