वक्फ बोर्ड संशोधिन बिल के खिलाफ भड़के ओवैसी, कहा – ‘आप दुश्मन हैं मुसलमानों के, इसका सबूत है ये…’
नई दिल्ली, 8 अगस्त। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष व हैदाराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी गुरुवार को लोकसभा में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill) पर सवाल उठाते हुए भाजपा और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि वह मुसलमानों की दुश्मन है और इसीलिए यह बिल लेकर आई है।
यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है, जो सभी नागरिकों को अपनी आस्था के लिए समान अधिकार देता है। आखिर सरकार को ये विधेयक लाने की क्या जरूरत पड़ी। सरकार कह रही है कि हम महिलाओं को वक्फ बोर्ड में स्थान दे रहे हैं। मुझे यकीन है कि आप बिल्किस बानो और जकिया जफरी को मेंबर बनाएंगे। आप देश को बांटने का काम कर रहे हैं। आप मुसलमानों के दुश्मन हैं।’
Waqf Amendment Bill, 2024 ki behas ke dauran, Barrister @asadowaisi ne kaha, ‘Yeh bill mulk ko baantne ke liye laya gaya hai, jodne ke liye nahi’. Aap musalmano ke dushman hain, yeh bill iss baat ka saboot hai.#AIMIM #AsaduddinOwaisi #Parliament #WaqfBoardBill #waqf… pic.twitter.com/n61rAujeYE
— AIMIM (@aimim_national) August 8, 2024
मंदिरों की समितियों में कोई गैर-हिन्दू नहीं, फिर वक्फ संपत्ति में ऐसा क्यों?
औवैसी ने यह भी कहा, ‘मंदिरों की समितियों में कोई गैर-हिन्दू नहीं है, फिर वक्फ संपत्ति में गैर मुसलमान की क्या जरूरत है। यह विधेयक हिन्दू-मुसलमान में भेदभाव करता है। ऐसी ही आपकी सरकार ईसाइयों और सिखों के साथ कर रही है। आप हिन्दू पूरी संपत्ति अपने बेटे-बेटी के नाम पर दे सकते हो, लेकिन हम एक तिहाई ही दे सकते हैं। वक्फ प्रॉपर्टी पब्लिक प्रॉपर्टी नहीं है। यह सरकार दरगाह और अन्य संपत्तियां लेना चाहती है।’
किरेन रिजिजू ने पेश किया बिल
इसके पूर्व केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक 2024 लोकसभा में पेश किया। पहले बिल के जरिए वक्फ कानून 1955 में महत्वपूर्ण संशोधन लाए जाएंगे, वहीं दूसरे बिल के जरिए मुसलमान वक्फ कानून 1923 को समाप्त किया जाएगा। दरअसल, वक्फ कानून में संशोधन के मोदी सरकार के प्रयासों का जिस तरह विरोध किया जा रहा है, उसे देखते हुए दोनों सदनों – लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा होना पहले से ही तय माना जा रहा था।