![योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ चिकित्सकों की याचिका पर फैसला सोमवार को](https://revoi-hindi.s3.ap-south-1.amazonaws.com/wp-content/uploads/2024/07/28164043/%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%97-%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%81-%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%AC%E0%A4%BE-%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B5.jpg)
योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ चिकित्सकों की याचिका पर फैसला सोमवार को
नई दिल्ली, 28 जुलाई। दिल्ली उच्च न्यायालय ‘कोरोनिल’ से कोविड-19 का ‘‘उपचार’’ होने के दावे को लेकर योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ कई चिकित्सक संघों की ओर से दायर याचिका पर सोमवार को अपना फैसला सुनाएगा। यह याचिका चिकित्सक संघों द्वारा रामदेव, उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ 2021 में दायर एक मुकदमे का हिस्सा है। न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने पक्षकारों की दलीलें सुनने के बाद 21 मई को इस मुद्दे पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
याचिका के अनुसार, रामदेव ने ‘कोरोनिल’ के बारे में ‘‘निराधार दावे’’ करते हुए कहा था कि यह कोविड-19 के इलाज में कारगर है। याचिका में कहा गया है कि कोरोनिल को केवल “प्रतिरक्षा बढ़ाने” वाली दवा के रूप में लाइसेंस दिया गया था, जबकि रामदेव का दावा इसके विपरीत है।
वादी पक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने प्रतिवादियों को भविष्य में इस तरह के बयान देने से रोकने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कि रामदेव ने उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए एक गलत सूचना अभियान और विपणन रणनीति अपनाई, जिसमें ‘कोरोनिल’ भी शामिल था, जिसे कोविड-19 के लिए वैकल्पिक उपचार बताया गया। उच्च न्यायालय ने 27 अक्टूबर 2021 को इस याचिका पर रामदेव और अन्य को नोटिस जारी किया था।