सहकारिता को हर गांव और घर तक पहुंचाने के लिए अगले 5 वर्षों में हम इसकी मजबूत नींव डालेंगे : अमित शाह
गांधीनगर, 6 जुलाई। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है का अगले पांच वर्षों में सहकारिता की एक ऐसी मजबूत नींव डालनी है, जिससे अगले 125 वर्षों तक सहकारिता हर गांव और घर तक पहुंचे। शाह ने शनिवार को गुजरात की राजधानी गांधीनगर में 102वें अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर आयोजित ‘सहकार से समृद्धि’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह संकल्प व्यक्त किया।
गुजरात सरकरार नैनो-यूरिया और नैनो-डीएपी पर 50% सब्सिडी देगी
अमित शाह ने कहा कि आज गुजरात सरकार ने एक बहुत महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए नैनो-यूरिया और नैनो-डीएपी पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी देने की घोषणा की है। उन्होंने इस निर्णय के लिए गुजरात सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि किसान जब एक बार नैनो-यूरिया का छिड़काव करते हैं तो फिर बाद में उन्हें थैली से यूरिया डालने की जरूरत नहीं है। नैनो-यूरिया और नैनो-डीएपी का छिड़काव ज़्यादा उत्पादन के लिए पर्याप्त है।
102वें अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर गाँधीनगर (गुजरात) में आयोजित ‘सहकार से समृद्धि’ कार्यक्रम से लाइव…
https://t.co/FTMwYDH18J— Amit Shah (@AmitShah) July 6, 2024
आधुनिक जांच के बाद ही ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स पर भारत ब्रांड की मोहर लगती है
शाह ने कहा कि जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने और जैविक खेती करने वाले किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार ने नेश्नल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक लिमिटेड (NCOL) की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि आज NCOL द्वारा भारत ऑर्गेनिक आटा का भी लोकार्पण हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत ऑर्गेनिक और अमूल दोनों ही विश्वसनीय और शत-प्रतिशत ऑर्गेनिक ब्रांड हैं। उन्होंने कहा कि विश्व की सबसे आधुनिक तकनीक से जांच करके ही ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स पर भारत ब्रांड की मोहर लगती है।
सहकारिता क्षेत्र ग्रामीण व कृषि अर्थव्यस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा
उन्होंने कहा, ‘आज हम एकमहत्वपूर्ण मुकाम पर खड़े हैं और सवा सौ साल पुराना सहकारिता आंदोलन आज देश के कई क्षेत्रों में अपना बड़ा योगदान दे रहा है। कृषि ऋण के वितरण में 20 प्रतिशत, फर्टिलाइजर्स के वितरण में 35 और उत्पादन में 21 प्रतिशत, चीनी उत्पादन में 31 प्रतिशत, गेहूं की खरीदी में 13 प्रतिशत और धान की खरीदी में 20 प्रतिशत का योगदान सहकारिता क्षेत्र दे रहा है। सहकारिता क्षेत्र ग्रामीण और कृषि अर्थव्यस्था में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। हमें अगले 5 वर्षों में सहकारिता की एक ऐसी मज़बूत नींव डालनी है, जिससे अगले 125 वर्षों तक सहकारिता हर गांव और घर तक पहुंचे।’
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री @AmitShah ने आज गुजरात के गांधीनगर में 102वें अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर आयोजित
उन्होंने कहा अगले 5 साल में सहकारिता की एक ऐसी मज़बूत नींव डालनी है जिससे अगले 125 साल तक सहकारिता हर गांव और घर तक पहुंचे
🔗https://t.co/8EpqQGciI9 pic.twitter.com/o0cieprPj2
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) July 6, 2024
अमित शाह ने कहा, ‘सरकार ने लक्ष्य रखा है कि कि देश में कोई राज्य या जिला ऐसा ना हो, जहां एक वायबल जिला सहकारी बैंक और वायबल जिला दुग्ध उत्पादक संघ न हो। ऐसा करके ही हम सहकारिता का विस्तार बढ़ा सकेंगे और हर ग्रामीण और गरीब को समृद्ध बना सकेंगे। इसके लिए हमने सहकारिता युक्त पंचायत की कल्पना की है।’
देश की 2 लाख पंचायतों में आज भी कोऑपरेटिव संस्था नहीं
उन्होंने कहा, ‘देश में आज भी दो लाख पंचायत ऐसी हैं, जहां एक भी कोऑपरेटिव संस्था नहीं है। हमने लक्ष्य रखा है कि अगले 5 साल में इन दो लाख पंचायत में मल्टीपर्पज़ पैक्स बनाने का काम करेंगे। सरकार ने पैक्स के मॉडल बायलॉज भी बनाए हैं और पैक्स राज्य का विषय होने के बावजूद कश्मीर से कन्याकुमारी और असम से द्वारका तक हर राज्य ने इन मॉडल बायलॉजको स्वीकार किया है। सरकार ने पैक्स को बहुद्देश्यीय बनाने का भी काम किया है और आज देश के कार्यशील 65000 में से 48000 पैक्स ने किसी न किसी नई गतिविधि को अपने साथ जोड़कर वायबल बनने की दिशा में पहल की है।’
आज गुजरात के गाँधीनगर में 102वें अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस पर ‘सहकार से समृद्धि’ कार्यक्रम को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय किसानों, पशुपालकों व मत्स्य पालकों की आय को बढ़ाने और देश व दुनिया को शुद्ध खाद्यान्न उपलब्ध कराने… pic.twitter.com/doUqmLbWK3
— Amit Shah (@AmitShah) July 6, 2024
सहकारिता क्षेत्र ग्रामीण व कृषि अर्थव्यस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा
उन्होंने कहा, ‘आज हम एकमहत्वपूर्ण मुकाम पर खड़े हैं और सवा सौ साल पुराना सहकारिता आंदोलन आज देश के कई क्षेत्रों में अपना बड़ा योगदान दे रहा है। कृषि ऋण के वितरण में 20 प्रतिशत, फर्टिलाइजर्स के वितरण में 35 और उत्पादन में 21 प्रतिशत, चीनी उत्पादन में 31 प्रतिशत, गेहूं की खरीदी में 13 प्रतिशत और धान की खरीदी में 20 प्रतिशत का योगदान सहकारिता क्षेत्र दे रहा है। सहकारिता क्षेत्र ग्रामीण और कृषि अर्थव्यस्था में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। हमें अगले 5 वर्षों में सहकारिता की एक ऐसी मज़बूत नींव डालनी है, जिससे अगले 125 वर्षों तक सहकारिता हर गांव और घर तक पहुंचे।’
केंद्र सरकार ने 3 मल्टीस्टेट कोऑपरेटिव संस्थाएं भी बनाई हैं
सहकारिता मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने तीन मल्टीस्टेट कोऑपरेटिव संस्थाएं भी बनाई हैं – ऑर्गेनिक समिति, एक्सपोर्ट समिति और बीज समिति – जिनके माध्यम से किसानों के जीवन को समृद्ध करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। जल्द ही सरकार राष्ट्रीय सहकारिता नीति लेकर आएगी, देश में 1100 नए एफपीओ बन चुके हैं, नए बायलॉज को एक लाख से अधिक पैक्स ने स्वीकार कर लिया है और अब NCDC को 2000 करोड रुपए का बॉन्ड जारी होने से ये संस्था ज्यादा सहकारी संस्थाओं का कल्याण कर सकेगी।
अमित शाह ने देशभर के सहकारिता क्षेत्र के कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा उनसे सहकारिता को देश के अर्थ तंत्र का एक मजबूत स्तंभ बनाने को कहा। उन्होंने कहा, ‘हमें सहकारिता को न सिर्फ एक मजबूत स्तंभ बनाना है बल्कि इसके माध्यम से देश के करोड़ों गरीबों के जीवन में सुविधाएं, समृद्धि और आत्मविश्वास जगाने का काम भी करना है।’
‘गरीबों की सेवा के लिए सहकारिता को आगे बढ़ाना है‘
शाह ने विश्वास व्यक्त किया कि जब 2029 में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस मनाया जाएगा, उस दिन देश में एक भी पंचायत ऐसी नहीं होगी, जहां पैक्स नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘हम सबको मिलकर प्रधानमंत्री मोदी जी के स्वप्न को साकार करना है और गरीबों की सेवा के लिए सहकारिता को आगे बढ़ाना है।’ इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल और सचिव, सहकारिता मंत्रालय सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।