केजरीवाल की डाइट और दवा से जुड़ी याचिका पर सुनवाई पूरी, राउज एवेन्यू कोर्ट 22 अप्रैल को सुनाएगा फैसला
नई दिल्ली, 19 अप्रैल। दिल्ली के राउज ऐवन्यू कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जेल में भोजन और इंसुलिन से जुड़ी याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई पूरी कर ली। कोर्ट अब सोमवार (22 अप्रैल) को अपना फैसला सुनाएगा। वहीं अदालत ने केजरीवाल के वकील की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) को शनिवार (20 अप्रैल) को जवाब फाइल करने के लिए कहा है।
ईडी को जवाब देना है, केजरीवाल के वकील ने कहा – इसकी जरूरत नहीं
राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल की ओर से उपस्थित हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अर्जी पर जवाब की कोई जरूरत नहीं है जबकि जांच एजेंसी ने कहा कि AIIMS के डॉक्टर को केजरीवाल की सेहत की जांच करने दी जाए। इस पर सिंघवी ने कहा, ‘हमको ईडी की सलाह की जरूरत नहीं है। जांच एजेंसी का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। केजरीवाल को खाना तीन बार चेक करने के बाद दिया जाता है।’
केजरीवाल के खाने की डिटेल किस प्राधिकरण के तहत ED को दी गई – सिंघवी
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अदालत को जेल प्राधिकरण से पूछना चाहिए कि प्रवर्तन निदेशालय को केजरीवाल के खाने की एक एक डिटेल किस प्राधिकरण के तहत दी गई। जेल प्राधिकरण ने किस अधिकार के तहत कोर्ट द्वारा सुझाई गई डाइट के बाहर का खाना क्यों केजरीवाल को देने दिया। इस पर जेल प्राधिकरण ने कोर्ट के समक्ष कहा कि जब केजरीवाल को जेल में लाया गया था तो वह पहले इंसुलिन ले रहे थे। लेकिन बाद में खुद बंद कर दिया था।
ईडी ने गुरुवार को अदालत के समक्ष दावा किया था कि केजरीवाल चिकित्सा आधार पर जमानत के लिए जेल में रोजाना आम और मिठाई जैसे उच्च शर्करा वाले आहार ले रहे हैं जबकि उन्हें टाइप-2 डायबिटीज है। एजेंसी ने दावा किया था कि ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक शर्करा वाला भोजन कर रहे हैं ताकि वह अस्वस्थ हो जाएं और चिकित्सा आधार पर जमानत मांग सकें।
‘मैं क्या जमानत पाने के लिए लकवा होने का जोखिम उठाऊंगा?‘
वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने अदालत से कहा, ‘ईडी ने दावा किया है कि मैं जमानत पाने के लिए अपना रक्त शर्करा का स्तर बढ़ाना चाहता हूं। मैं क्या जमानत पाने के लिए लकवा होने का जोखिम उठाऊंगा? मैं जो भी भोजन कर रहा हूं, वह गिरफ्तारी से पहले मेरे डॉक्टर द्वारा तैयार आहार चार्ट के अनुसार है।’ केजरीवाल के जेल में नियमित रूप से आम, मिठाई, आलू-पूरी खाने के ईडी के दावे पर उन्होंने कहा कि उन्हें एक-दो बार ही ऐसा भोजन दिया गया।
सिंघवी ने अदालत से कहा, ‘आरोप है कि मैं आम खा रहा हूं… घर से 48 बार भोजन भेजा गया, जिसमें से केवल तीन बार आम भेजे गए। आठ अप्रैल के बाद कोई आम नहीं भेजा गया। आम को तो ऐसे दर्शाया गया है, जैसे उसमें शुगर भरी पड़ी है। उनमें शर्करा का स्तर ‘ब्राउन राइस’ या सफेद चावल से बहुत कम होता है।’ केजरीवाल को जेल में घर के खाने की अनुमति दी गई है।
‘ईडी के बयान पूरी तरह झूठे और दुर्भावनापूर्ण हैं‘
उन्होंने अदालत से कहा, ‘‘मैं अपनी चाय में केवल ‘शुगर फ्री’ लेता हूं। ईडी कितनी संकीर्ण, राजनीतिक और हास्यास्पद हो सकती है। उनके बयान पूरी तरह झूठे और दुर्भावनापूर्ण हैं। आपका मीडिया में बहुत ज्यादा प्रभाव है, केवल इसलिए आप यह प्रकाशित करवा रहे हैं कि मैं आलू-पूरी खा रहा हूं जबकि ऐसा भोजन केवल एक बार पूजा के समय भेजा गया था।”
नई याचिका में हर दिन 15 मिनट के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श की मांग की
केजरीवाल ने अपने शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव के बारे में सप्ताह में तीन बार अपने चिकित्सक से परामर्श लेने की याचिका गुरुवार को वापस ले ली थी। उन्होंने शुक्रवार को एक नई याचिका दायर कर हर दिन 15 मिनट के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श की मांग की। सिंघवी ने कहा, ‘क्योंकि मैं कैदी हूं, इसलिए क्या मुझे गरिमापूर्ण जीवन जीने और अच्छी सेहत का अधिकार नहीं है? मैं क्या कुख्यात अपराधी हूं, जो मुझे 15 मिनट भी अपने डॉक्टर से वीडियो कॉन्फ्रेंस से परामर्श की अनुमति नहीं दी जा सकती? हमारे देश में 75 साल से लोकतंत्र है, लेकिन मैं इस तरह का रुख पहली बार देख रहा हूं। इस तरह की संकीर्णता पहले कभी नहीं देखी।’ अदालत ने केजरीवाल की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।