लोकसभा चुनाव 2024 : सपा ने कांग्रेस को दीं 11 सीटें, असंतुष्ट कांग्रेस बोली – बातचीत अभी जारी
लखनऊ, 27 जनवरी। लोकसभा चुनाव 2024 की आहट मिलते ही जहां राजतीनिक सरगर्मियां बढ़ने लगी हैं वहीं पीएम नरेंद्र मोदी की सत्ता हिलाने के लिए गठित विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
इस क्रम में पहले TMC ने पश्चिम बंगाल और AAP ने पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर विपक्षी ब्लॉक की मुख्य पार्टी कांग्रेस को तगड़ा झटका दिया, फिर I.N.D.I.A. के गठन के मुख्य सूत्रधार रहे बिहार के सीएम नीतीश कुमार एक बार फिर पलटी मारकर भाजपा नीत एनडीए की गोद में बैठने को तैयार हो चुके हैं। अब समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने कांग्रेस को 11 सीटों की पेशकश कर नया पेंच फंसा दिया है। वजह, उनके इस प्रस्ताव से कांग्रेस असंतुष्ट है। उसका कहना है कि अभी बातचीत चल रही है और अंतिम फैसला होने के बाद घोषणा की जाएगी।
दरअसल, बीते दिनों ही यूपी में I.N.D.I.A. ब्लॉक के तहत सपा और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) का गठबंधन हुआ था। उसी मिलाप के अंतर्गत सपा ने रालोद को 7 सीटें देने की घोषणा की थी। शनिवार को अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘कांग्रेस के साथ 11 मजबूत सीटों से हमारे सौहार्दपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत हो रही है… ये सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा।’ I.N.D.I.A. की टीम और ‘पीडीए’ की रणनीति इतिहास बदल देगी।’
कांग्रेस के साथ 11 मज़बूत सीटों से हमारे सौहार्दपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत हो रही है… ये सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा।
‘इंडिया’ की टीम और ‘पीडीए’ की रणनीति इतिहास बदल देगी।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 27, 2024
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों सूत्रों के हवाले से खबर सामने आई थी कि यूपी में कांग्रेस 80 में से 23 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। हालांकि सपा की तरफ से साफ किया गया है कि उसने कांग्रेस को 11 सीटें ऑफर की हैं। यदि कांग्रेस अखिलेश यादव को और सीटों पर जिताऊ उम्मीदवारों के बारे में बताती है तो यह सीटें बढ़ाई भी जा सकती हैं।
प्रदेश कांग्रेस ने जताई नाराजगी
फिलहाल प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ने अखिलेश यादव के 11 सीटें देने के प्रस्ताव पर नाराजगी जताई है। प्रदेश के शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व ने कहा है कि यह अखिलेश यादव का एकतरफा यानी अपना फैसला है, जिससे वह सहमत नहीं है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अखिलेश यादव की पोस्ट पर प्रतिक्रया दी है। उन्होंने कहा, ‘बातचीत अब भी जारी है। तस्वीर साफ होने के बाद हम घोषणा कर सकेंगे।’
प्रदेश अध्यक्ष अजय राय बोले – अभी कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है
वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा, ‘जो मेरी जानकारी में है कि अभी बातचीत चल रही है। हमारी राष्ट्रीय कमेटी इस पर जो बातचीत कर रही है। मुकुल वासनिक के नेतृत्व में जो कमेटी है, उसकी समाजवादी पार्टी के सीनियर लीडर्स के साथ अभी बातचीत चल रही है। 11 सीटों को लेकर हुए समझौते की बात की अभी जानकारी में नहीं है। अभी कुछ फाइनल नहीं हुआ है।
2019 में कांग्रेस ने एक और सपा ने 5 सीटें जीती थीं
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का कांग्रेस के साथ कोई औपचारिक गठबंधन नहीं था। लेकिन अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी ने रायबरेली और अमेठी सीटों पर कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था, जहां कांग्रेस नेताओं – सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी ने चुनाव लड़ा था। कांग्रेस ने सूबे की 80 में से 67 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन पार्टी 6.4 फीसदी वोट शेयर के साथ केवल एक सीट ही जीत सकी और तीन सीटों पर दूसरे स्थान पर रही। तब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राहुल गांधी अपनी सीट भी नहीं बचा पाए थे।
वहीं सपा, बसपा और आरएलडी से गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरी थी। सपा ने 37 और बसपा ने 38 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। आरएलडी के हिस्से तीन सीटें आई थीं। तब सपा ने 18.1 फीसदी वोट शेयर के साथ 37 में से पांच सीटें जीती थीं और 31 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे थे। एक सीट पर पार्टी तीसरे स्थान पर रही थी।