रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयार अयोध्या, पुष्पों और रोशनी से सजी भगवान राम की नगरी
अयोध्या, 21 जनवरी। राम मंदिर में सोमवार को होने वाले रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के भव्य आयोजन के लिए अयोध्या नगरी दुल्हन की तरह सज-धजकर तैयार है। इस बहुप्रतीक्षित समारोह के धार्मिक अनुष्ठानों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान के रूप में शामिल होंगे।
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रामलला प्राण प्रतिष्ठा के अगले दिन ही मंदिर को आमजन के लिए खोल दिया जाएगा। ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह 22 जनवरी (सोमवार) मध्याह्न बाद 12.20 बजे शुरू होगा और दोपहर एक बजे तक उसके पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद पीएम मोदी आयोजन स्थल पर संतों और प्रतिष्ठित हस्तियों समेत 7,000 से अधिक लोगों की सभा को संबोधित करेंगे।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, रविवार को रामलला की मूर्ति को विभिन्न तीर्थ स्थलों से लाए गए ‘औषधियुक्त’ और पवित्र जल से भरे 114 घड़ों से स्नान कराया गया। ट्रस्ट के एक सदस्य ने कहा, ”मूर्ति को आज ‘मध्याधिवास’ में रखा गया। ‘रात्रि जागरण अधिवास’ आज से शुरू होगा। रामलला की पुरानी मूर्ति की पूजा ‘यज्ञशाला’ में की जा रही है। चेन्नै और पुणे समेत कई स्थानों से आए फूलों से अनुष्ठान किए जा रहे हैं। आज मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र अपने परिवार के साथ, विहिप प्रमुख आर. एन. सिंह और अन्य लोग अनुष्ठान कर रहे हैं।”
उल्लेखनीय है कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह संबंधी अनुष्ठान 16 जनवरी को सरयू नदी से शुरू हुआ था, जो सोमवार दोपहर ‘अभिजीत मुहूर्त’ में पूरा होगा। समारोह के लिए आमंत्रित कुछ लोग रविवार को अयोध्या पहुंच गए और अन्य लोगों के सोमवार सुबह पहुंच जाने की उम्मीद है। प्राधिकारियों ने भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में रविवार को समारोह की तैयारियों को अंतिम रूप दिया।
टेलीविजन और ऑनलाइन मंचों पर कार्यक्रम का सीधा प्रसारण होगा
ऐसी उम्मीद है कि लाखों लोग टेलीविजन और ऑनलाइन मंचों पर इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखेंगे। इसे देखते हुए केंद्र सरकार समेत कई राज्य सरकारों ने आधे दिन की छुट्टी की घोषणा की है। इसके साथ ही देश और विदेश में इस अवसर पर विशेष उत्सव की घोषणा की गई है। वाशिंगटन डीसी से लेकर पेरिस और सिडनी तक दुनिया के विभिन्न हिस्सों में 22 जनवरी को कार्यक्रमों की घोषणा की गई है। ये कार्यक्रम 60 देशों में विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) या हिन्दू प्रवासी समुदाय द्वारा आयोजित किए जा रहे हैं।
Gorgeous, captivating, and majestic – the Ram Temple stands ready, as few hours left for the auspicious Shri Ram Mandir Pran Pratishtha#AyodhyaRamTemple #RamMandir #RamJanmbhoomiMandir #PranPratishtha pic.twitter.com/jdWnGhNdrk
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अयोध्या की छटा देखते ही बन रही
अयोध्या को पुष्पों और रोशनी से सजाया गया है और रविवार को जगह-जगह लगाए गए लाउडस्पीकर पर ‘राम धुन’ बजाई गई। शहरवासी भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान के रूप में तैयार होकर सड़कों पर निकले और उनके पीछे-पीछे मंत्रमुग्ध भक्त भी रैलियों में शामिल हुए। पुष्प पैटर्न और रोशनी से ‘जय श्री राम’ का चित्रण करने वाले औपचारिक द्वार शहर की आभा को बढ़ा रहे हैं।
राम मंदिर को मिले अनेक उपहार
इस भव्य समारोह के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से उपहार भेजे जा रहे हैं, जिनमें भगवान राम की तस्वीर वाली चूड़ियों से लेकर 56 किस्म के ‘पेठा’, 500 किलोग्राम का लोहे-कांसे का ‘नगाड़ा’ और अमरावती से आ रहा 500 किलोग्राम ”कुमकुम” शामिल है। राम मंदिर प्रबंधन समिति को 108 फुट की अगरबत्ती, 2,100 किलोग्राम का घंटा, सोने की चप्पल, 10 फुट ऊंचा ताला और चाभी और आठवीं सदी का समय बताने वाली एक घड़ी समेत कई उपहार मिले हैं। नेपाल में माता सीता के जन्मस्थान जनकपुर से भी 3,000 से अधिक उपहार आए हैं। श्रीलंका का एक प्रतिनिधिमंडल रामायण में उल्लेखित अशोक वाटिका से एक विशेष उपहार लाया है।
With few hours to go for the auspicious Shri Ram Mandir Pran Pratishtha, Ayodhya is all decked up to welcome Prabhu Shri Ram
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श्रद्धालुओं को भोजन कराने के लिए यहां भंडारे, लंगर आदि विभिन्न सामुदायिक रसोइयां चलाई जा रही हैं। ये सामुदायिक रसोई निहंग सिखों से लेकर इस्कॉन और देशभर के मंदिर न्यास से लेकर अयोध्या के स्थानीय लोगों द्वारा संचालित की जा रही हैं।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने नौ नवम्बर, 2019 को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुकदमे में निर्णय देते हुए विवादित स्थल पर मंदिर बनाने और मुस्लिमों को अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था। छह दिसम्बर, 1992 में कारसेवकों ने विवादित स्थल पर मौजूद बाबरी मस्जिद को ढहा दिया था।