नई दिल्ली, 21 जनवरी। अयोध्या स्थित भव्य राम मंदिर में रामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारियां लगभग पूर्ण हो चुकी हैं। इस बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अयोध्या की एक सैटेलाइट तस्वीर जारी की है। इसरो के स्वदेशी उपग्रहों के जरिए ली गई तस्वीरों राम मंदिर से लेकर सरयू नदी तक की झलक दिखाई पड़ रही है।
भारतीय रिमोट सेंसिंग सीरीज के सैटेलाइट के जरिये ली गई इन तस्वीरों में 2.7 एकड़ में फैले राम जन्मभूमि स्थल को देखा जा सकता है। अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर की ये तस्वीरें पिछले वर्ष 16 दिसम्बर को ली गई थीं, हालांकि तब से अयोध्या में घने कोहरा छाए रहने के कारण साफ तस्वीरें लेना मुश्किल हो गया। इन सैटेलाइट तस्वीरों में दशरथ महल और सरयू नदी को साफ देखा जा सकता है. इसके अलावा अयोध्या का रेलवे स्टेशन भी दिख रहा है.
भारत के पास फिलहाल अंतरिक्ष में 50 से अधिक उपग्रह हैं, और उनमें से कुछ का रिज़ॉल्यूशन एक मीटर से भी कम है। इन तस्वीरों को भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर ने प्रोसेस्ड किया है।
राम मंदिर निर्माण में इसरो की ताकत आई काम
गौरतलब है कि राम मंदिर निर्माण के विभिन्न चरणों में भी इसरो की तकनीक का उपयोग किया गया है। इस भव्य परियोजना में एक बड़ी चुनौती भगवान राम की मूर्ति लगाने के लिए सटीक स्थान की पहचान करना था। जिस ट्रस्ट को मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, वह चाहता था कि मूर्ति को गर्भगृह के अंदर 3X6 फीट वाली जगह पर रखा जाए, जहां माना जाता है कि भगवान राम का जन्म हुआ था।
यह कहने में जितना आसान था, करना उतना ही मुश्किल क्योंकि मंदिर का निर्माण विध्वंस के लगभग तीन दशक बाद शुरू हुआ था। ऐसे में एक बार फिर, स्पेस टेकनॉलोजी काम आई। गर्भगृह के अंदर इस सटीक स्थान की पहचान करने के लिए कंस्ट्रक्शन कम्पनी लार्सन एंड टुब्रो के ठेकेदारों ने सबसे परिष्कृत डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS)-आधारित निर्देशांक का उपयोग किया। इसके लिए लगभग 1-3 सेंटीमीटर तक सटीक निर्देशांक तैयार किए गए थे, जिसने मंदिर के गर्भगृह में मूर्ति की स्थापना का आधार बनाया।