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मशहूर शास्त्रीय गायक उस्ताद राशिद खान का निधन, प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित थे

मशहूर शास्त्रीय गायक उस्ताद राशिद खान का निधन, प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित थे

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कोलकाता, 9 जनवरी। ‘आओगे जब तुम…’ फेम शास्त्रीय गायक उस्ताद राशिद खान का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को अपराह्न यहां निधन हो गया। प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित 55 वर्षीय राशिद खान लंबे समय से उनका इलाज चल रहा था।

संगीत सम्राट राशिद खान को गत वर्ष नवम्बर में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां पिछले कई दिनों से गहन चिकित्सा कक्ष में उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। उन्होंने शुरुआत में टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल में इलाज कराया। हालांकि बाद में उन्होंने विशेष रूप से कोलकाता में अपना इलाज जारी रखने का विकल्प चुना था। उस्ताद को पिछले माह सेरेब्रल अटैक हुआ था। इसके बाद उनकी हालत ज्यादा बिगड़ गई थी।

फिल्मों में भी दिए हिट गाने

शास्त्रीय संगीत के अलावा उस्ताद राशिद खान ने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को भी कई हिट गाने दिए। इनमें जब वी मेट फिल्म का ‘आओगे जब तुम साजना’, माई नेम इज खान का ‘अल्लाह ही रहेम’, मौसम का ‘पूरे से जरा सा’ सहित कई खूबसूरत गाने शामिल हैं। इसके अलावा, ‘तुझे याद करते-करते’ व ‘तू बनजा गली बनारस की’ सहित अन्य कई प्रचलित गाने हैं।

रामपुर-सहसवान घराने से ताल्लुक रखते थे उस्ताद राशिद खान

उत्तर प्रदेश के बदायूं में जन्मे उस्ताद राशिद खान रामपुर-सहसवान घराने के संस्थापक इनायत हुसैन खान के परपोते थे। हालांकि राशिद खान ने संगीत की शुरुआती शिक्षा अपने नाना उस्ताद निसार हुसैन खान (1909-1993) से ली। उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान के भतीजे राशिद खान की संगीत प्रतिभा को सबसे पहले उनके चाचा गुलाम मुस्तफा खान ने पहचाना, जिन्होंने मुंबई में प्रारंभिक प्रशिक्षण दिया। हालांकि, प्रारंभिक प्रशिक्षण निसार हुसैन खान से उनके निवास स्थान बदायूं में ही प्राप्त हुआ।

2022 में ‘पद्मभूषण’ से सम्मानित किए गए थे

वर्ष 1980 में उस्ताद राशिद खान 14 साल की उम्र में अकादमी में शामिल हो गए थे। 1994 तक वह अकादमी से जुड़े रहे। वह जिस घराने से ताल्लुक रखते थे, उसका संबंध ग्वालियर घराने की गायन शैली से माना जाता है। उन्हें शुद्ध हिन्दुस्तानी संगीत शैली को सुगम संगीत के साथ जोड़ने के लिए भी जाना जाता है। तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वर्ष 2022 में राशिद खान को कला के क्षेत्र में देश के तीसरे सर्वोच्च अलंकरण ‘पद्मभूषण’ से नवाजा गया था। इसके पहले वह ‘पद्मश्री’ व संगीत नाटक अकादमी सहित अनेक पुरस्कारों से भी सम्मानित किए जा चुके थे।

सीएम ममता बनर्जी ने उस्ताद राशिद खान के निधन पर जताया शोक

इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उस्ताद राशिद खान के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि कि यह पूरे देश का नुकसान है। अस्पताल का दौरा करने वालीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘यह पूरे देश और पूरे संगीत जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। मैं बहुत दर्द में हूं क्योंकि मुझे अब भी विश्वास नहीं हो रहा है कि राशिद खान अब नहीं रहे।’

बुधवार को राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार

राशिद खान के शोक संतप्त परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटी और दो बेटे हैं। सीएम ममता ने कहा कि बुधवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ खान का अंतिम संस्कार किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘अंतिम संस्कार से पहले खान के पार्थिव शरीर को रवींद्र सदन ले जाया जाएगा, जहां उनके अनुयायी उन्हें श्रद्धांजलि दे सकते हैं।’

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