पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान धोनी के साथ 16 करोड़ की धोखाधड़ी, पूर्व व्यावसायिक साझेदारों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज
नई दिल्ली, 5 जनवरी। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपने दो पूर्व व्यावसायिक साझेदारों के खिलाफ यह दावा करते हुए एक आपराधिक मामला दायर किया है कि उन्होंने (साझेदारों ने) क्रिकेट अकादमी स्थापित करने से संबंधित अनुबंध का पालन नहीं कर उन्हें लगभग 16 करोड़ रुपये की चपत लगाई है। यह जानकारी धोनी के वकील ने दी।
खेल प्रबंधन कम्पनी आरका स्पोर्ट्स के दो निदेशकों पर है धोखाधड़ी का आरोप
खेल प्रबंधन कम्पनी आरका स्पोर्ट्स के दो निदेशकों के खिलाफ एक निचली अदालत में यह मामला दायर किया गया है। पटना की एक लॉ फर्म विधि एसोसिएट्स से धोनी के अधिवक्ता दयानंद सिंह ने कहा कि उन्होंने धोनी की ओर से रांची की एक सक्षम अदालत में आरका स्पोर्ट्स के निदेशक मिहिर दिवाकर और सौम्या विश्वास के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406 और 420 के तहत आपराधिक मामला दायर किया है।
धोनी ने नाम पर देश-विदेश में क्रिकेट अकादमी स्थापित की गई
दयानंद सिंह ने बताया कि आरोपितों ने 2017 में भारत और विदेशों में क्रिकेट अकादमी स्थापित करने के लिए धोनी से सम्पर्क किया था। उन्होंने कहा कि शुरुआत में इस बात पर सहमति बनी थी कि क्रिकेटर को पूरी फ्रेंचाइजी फीस मिलेगी और मुनाफा 70:30 के आधार पर धोनी और साझेदारों के बीच बांटा जाएगा। हालांकि, साझेदारों ने धोनी की जानकारी के बिना अकादमी स्थापित करना शुरू कर दिया और कोई भुगतान नहीं किया।
नियमों का उल्लंघन करने पर साझेदारों को दो बार कानूनी नोटिस भेजी गई थी
उन्होंने कहा कि उन्हें प्रदान किया गया प्राधिकार पत्र 15 अगस्त, 2021 को रद कर दिया गया था। धोनी के वकील के अनुसार इसके बावजूद, साझेदारों ने धोनी के साथ कोई राशि या जानकारी साझा किए बिना उनके नाम पर क्रिकेट अकादमी और खेल परिसर स्थापित करना जारी रखा। धोनी के वकील के अनुसार समझौते के नियमों का उल्लंघन करने पर साझेदारों को दो बार कानूनी नोटिस भेजी गई थी।
साझेदारों ने 8 से 10 स्थानों पर अकादमी खोलीं और पैसे लिए
दयानंद सिंह ने दावा किया कि साझेदारों ने आठ से दस स्थानों पर अकादमी खोलीं और पैसे लिए, जिससे धोनी को 16 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। आपराधिक मामला 27 अक्टूबर, 2023 को रांची में प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दायर किया गया। शुक्रवार को धोनी द्वारा अधिकृत व्यक्ति सीमांत लोहानी ने मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया।