उच्चतम न्यायालय ने पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश रचने के आरोपित निखिल के परिवार की याचिका खारिज की
नई दिल्ली, 4 जनवरी। उच्चतम न्यायालय ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के परिवार के एक सदस्य द्वारा ‘कंसुलर एक्सेस’ की मांग वाली याचिका गुरुवार को खारिज कर दी। निखिल पर अमेरिका में सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश रचने का आरोप है।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा, ‘‘हम इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकते। आप ‘वियना कन्वेंशन’ के तहत ‘कंसुलर एक्सेस’ के हकदार हैं, जो आपको पहले ही मिल चुका है।’’
पीठ ने गुप्ता के परिवार वालों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सी.ए. सुंदरम से कहा कि इस अदालत को विदेशी अदालत के अधिकार क्षेत्र और संप्रभुता तथा उस देश के कानून का सम्मान करना चाहिए और इसलिए वह मामले के गुण-दोषों पर नहीं जा सकते। जब सुदंरम ने यह कहने का प्रयास किया कि गुप्ता को एकांत कारावास में रखा गया है और अभियोग के बाद उन्हें कोई ‘कंसुलर एक्सेस’ नहीं दिया गया, पीठ ने सुंदरम से कहा, ‘‘हम आपको विदेशी अदालत के बारे में कुछ भी बोलने की इजाजत नहीं देंगे।’’
पीठ ने कहा कि 17 सितम्बर, 2023 को गुप्ता को मामले में ‘कंसुलर एक्सेस’ मिल चुका है और उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय का भी रुख किया है। अदालत ने कुछ आदेश पारित किए थे। गुप्ता को 30 जून को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था। अमेरिका में संघीय अभियोजकों ने गुप्ता पर पिछले साल 29 नवंबर को अमेरिकी धरती पर पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था।