1. Home
  2. हिन्दी
  3. बॉलीवुड
  4. जैकलीन फर्नांडिस ने खटखटाया दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा, सुकेश से जुड़े 200 करोड़ का मामले रद करने की मांग
जैकलीन फर्नांडिस ने खटखटाया दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा, सुकेश से जुड़े 200 करोड़ का मामले रद करने की मांग

जैकलीन फर्नांडिस ने खटखटाया दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा, सुकेश से जुड़े 200 करोड़ का मामले रद करने की मांग

0
Social Share

नई दिल्ली, 19 दिसम्बर। बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडिस ने कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर से संबद्ध प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के 200 करोड़ रुपये के धनशोधन मामले में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद करने की अपील करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। संभावना है कि जैकलीन की याचिका पर इसी सप्ताह सुनवाई होगी। याचिका में मामले में ईडी द्वारा दायर दूसरे पूरक आरोपपत्र और यहां एक सुनवाई अदालत के समक्ष लंबित संबंधित कार्यवाही को रद करने की भी मांग की गई है।

जैकलीन ने याचिका में दलील दी है “शुरु में यह बताया गया है कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दाखिल सबूत साबित करेंगे कि याचिकाकर्ता (जैकलीन फर्नांडिस) सुकेश चंद्रशेखर के दुर्भावनापूर्ण लक्षित हमले की एक निर्दोष शिकार है। इस बात का बिल्कुल भी संकेत नहीं है कि कथित तौर पर गलत तरीके से अर्जित धन के शोधन में उसकी मदद करने में उसकी (जैकलीन की) कोई भागीदारी थी। इसलिए, उस पर धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 3 और 4 के तहत अपराध के लिए मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।’’

इसमें कहा गया है कि उसके खिलाफ दायर अभियोजन पक्ष की शिकायत (आरोप पत्र) में इस बात की पुष्टि की गई है कि कहीं भी यह आरोप नहीं लगाया गया है कि उसे (जैकलीन को) आरोपी संख्या एक (चंद्रशेखर) की, शिकायतकर्ता अदिति सिंह से पैसे वसूलने से संबंधित नापाक गतिविधियों के बारे में जानकारी थी।’’

इसमें कहा गया है “पूरी शिकायत में याचिकाकर्ता पर लगाए गए, जानकारी होने संबंधी आरोप के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। यह कहना असंभव है कि याचिकाकर्ता जान बूझकर ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल थी जिसके लिए आज पीएमएलए की धारा 3 लगा कर उसे दंडित किया गया।’’ जैकलीन फर्नांडीज ने कहा कि उन्हें उस अपराध में अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में पेश किया गया है जिसमें दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

उन्होंने कहा कि उस मामले में उनका बयान भी दर्ज किया गया है जिससे उनके पक्ष में अनुकूल निष्कर्ष निकला है। उन्होंने कहा कि इससे उस दलील को समर्थन मिलता है कि उन्हें चंद्रशेखर और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए गंभीर अपराध के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

याचिका में कहा गया है, “एक बार जब जांच एजेंसी ने अपने विवेक से याचिकाकर्ता को अपराध में अभियोजन पक्ष की गवाह के रूप में पेश किया है, तो तार्किक रूप से, अपराध के परिणामस्वरूप उत्पन्न होने वाली किसी भी कार्यवाही को रद्द कर दिया जाना चाहिए।” इसमें आरोप लगाया गया है कि ईडी ने उन्हें धन शोधन मामले में आरोपी बनाते समय पक्षपातपूर्ण तरीके से काम किया।

याचिका में आगे कहा गया है “ईडी ने नोरा फतेही (अभिनेत्री) को क्लीन चिट दे दी है, जबकि यह रिकॉर्ड पर स्वीकार किया गया तथ्य है कि उनके परिवार के सदस्य को उनके कहने पर सुकेश चंद्रशेखर से बीएमडब्ल्यू कार मिली थी। यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि नोरा फतेही द्वारा सुकेश चंद्रशेखर से उपहार प्राप्त करने संबंधी तथ्य को ईडी के समक्ष ‘अपराध की आय के अपव्यय’ शीर्षक के तहत बताया गया है।’’ याचिका में कहा गया है कि ईडी का एक ही समय में विरोधाभासी रुख है और समान तथ्यों में जैकलीन फर्नांडिस को आरोपित बनाया गया है।

याचिका के अनुसार, “…अदिति सिंह की पहचान मूल शिकायतकर्ता के रूप में की गई है और नोरा फतेही जैसे कलाकार और निकिता तंबोली, चाहत खन्ना और सोफिया सिंह जैसे अन्य कलाकार को आरोपी भी नहीं बनाया गया। नोरा के परिवार के सदस्य को बीएमडब्ल्यू कार मिली थी तथा निकिता तंबोली, चाहत खन्ना और सोफिया सिंह को मामले की जांच के सिलसिले में तिहाड़ जेल लाया गया था। इससे वर्तमान याचिकाकर्ता के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण जांच का पता चलता है।’’

जैकलीन फर्नांडिस, चंद्रशेखर के खिलाफ दर्ज 200 करोड़ रुपये के धन शोधन मामले में आरोपी हैं तथा जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए ईडी के सामने पेश हो चुकी हैं। दिल्ली पुलिस ने पहले रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटरों शिविंदर सिंह और मालविंदर सिंह की पत्नियों से कथित तौर पर 200 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में चंद्रशेखर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

इसके अलावा देशभर में उनके खिलाफ कई मामलों में जांच चल रही है। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज धन शोधन मामले में कार्यवाही का सामना कर रहे चंद्रशेखर और उनकी पत्नी लीना पॉलोज़ को पहले दिल्ली पुलिस ने अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया था।

पुलिस ने मामले में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) की धाराएं भी लगाई हैं। दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया था कि पॉलोज़ और चंद्रशेखर ने अन्य लोगों के साथ मिलकर हवाला प्रक्रिया का इस्तेमाल किया तथा अपराध की आय से अर्जित धन को ठिकाने लगाने के लिए फर्जी कंपनियां बनाईं।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code