न तो पहले कभी मुख्यमंत्री पद का दावेदार था और न ही अब हूं : शिवराज सिंह चौहान
भोपाल, 5 दिसम्बर। मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद तीनों ही राज्यों में मुख्यमंत्री पद के लिए नेताओं की भागम-भाग मची हुई है। पार्टी के कई ऐसे वरिष्ठ नेता हैं, जो मुख्यमंत्री बनने की आस लगाए हुए हैं। इस क्रम में मध्य प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट किया है कि वह न तो कभी पहले मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे हैं और न ही अब हैं।
‘पार्टी मुझे जो भी काम देगी, उसे मैं पूरी निष्ठा, क्षमता और ईमानदारी से करूंगा‘
सीएम चौहान ने मंगलवार को कहा कि वह भाजपा को स्पष्ट जनादेश के लिए मध्य प्रदेश की जनता का दिल से आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं कभी भी मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं रहा हूं और न ही आज हूं। एक कार्यकर्ता के तौर पर पार्टी मुझे जो भी काम देगी, उसे मैं हमेशा अपनी पूरी निष्ठा, क्षमता और ईमानदारी से करूंगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारे नेता हैं और उनके साथ काम करके मुझे हमेशा गर्व और खुशी महसूस होती है।’
‘पीएम मोदी के साथ काम करने का मौका पाकर खुद को भाग्यशाली मानता हूं‘
चार बार के मुख्यमंत्री चौहान ने यह भी दावा किया कि वह पीएम मोदी के साथ काम करने का मौका पाकर खुद को भाग्यशाली मानते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि पीएम मोदी हमारे नेता हैं और मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला है। पीएम मोदी के नेतृत्व में एक गौरवशाली, समृद्ध और शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है और हम ऐसे भारत के निर्माण के साधन हैं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा। मैंने एक कार्यकर्ता के रूप में हमेशा पार्टी के हर कार्य को मिशन समझकर पूरा किया है और खुद को भाजपा के लिए समर्पित किया है।’
मध्य प्रदेश की जनता का हृदय से आभार जताया
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, ‘मैं मध्य प्रदेश की जनता का हृदय से आभारी हूं, कि विधानसभा चुनाव 2023 में हमें उनका अपार प्यार और आशीर्वाद मिला। हमें अभूतपूर्व जनसमर्थन मिला है। परिवार का सदस्य होने के नाते हम उनके लिए काम करते रहेंगे। मैं अपनी पार्टी का एक कार्यकर्ता हूं और पार्टी ने जो काम मुझे दिया था, उसे मैंने अपनी पूरी क्षमता, पूरी ईमानदारी और निष्ठा से पूरा करने का प्रयास किया है।’
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में गत 17 नवम्बर को एक ही चरण में 230 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हुआ था, जिसके परिणाम भाजपा के पक्ष में आए। भाजपा ने राज्य में दो तिहाई से ज्यादा कुल 163 सीटें जीतीं जबकि विपक्षी दल कांग्रेस 66 सीटों पर सिमट गया।