सेंट्रल हाल में पीएम मोदी का भावुक संबोधन – ‘देश को आगे बढ़ाने के लिए दल नहीं, दिल चाहिए’
नई दिल्ली, 19 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को संसद के नए भवन में सांसदों के प्रवेश से पहले पुरानी संसद के सेंट्रल हाल में अपने भावुक संबोधन के दौरान कहा कि देश को आगे बढ़ने के लिए दल नहीं बल्कि दिल चाहिए और वह भी देश के लिए।
‘नए संसद भवन में आज हम नए भविष्य का श्रीगणेश करने जा रहे‘
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘हमारे लिए यह भावुकता का समय है। नए संसद भवन में आज हम नए भविष्य का श्रीगणेश करने जा रहे हैं। पुराना संसद भवन और खासतौर पर यह सेंट्रल हॉल हमें भावुक करता है और प्रेरित भी करता है। हमारे संविधान ने यहीं पर आकार लिया था और संविधान सभा की मीटिंगें भी हुई थीं। अंग्रेजी हुकूमत ने 1947 में यहीं पर सत्ता का हस्तांतरण किया था। उस पूरी प्रक्रिया का साक्षी हमारा यह सेंट्रल हॉल है। यहीं पर तिरंगे और राष्ट्रगान को अपनाया गया। ऐतिहासिक अवसरों पर आजादी के बाद भी यहां दोनों सदनों की बैठकें की गईं।’
Last gathering at Central Hall!!#Watch | MPs have gathered at the Central Hall of the old building of Parliament before proceedings move to the new building today afternoon.@PMOIndia @narendramodi @VPIndia @ombirlakota #SpecialParliamentSession pic.twitter.com/m0yT0dBzKM
— SansadTV (@sansad_tv) September 19, 2023
प्रधानमंत्री ने कहा कि 1952 के बाद दुनिया के करीब 41 अध्यक्षों ने इस सेंट्रल हॉल में हमारे सभी सांसदों को संबोधित किया है। यहीं पर संयुक्त सत्र बुलाकर कानून भी पारित किए गए। बैंकिंग सर्विस कानून, दहेज रोकथाम कानून और आतंकवाद से निबटने के कानून भी इसी हॉल में संयुक्त सत्र बुलाकर पारित किए गए। मुस्लिम बहन बेटियों को तीन तलाक से मुक्ति भी इसी संसद में दिलाई गई। शाहबानो केस के चलते उलटी चली गाड़ी को भी इसी सदन में ठीक किया गया और तीन तलाक पर कानून हम लोगों ने मिलकर पारित किया। यहां तक कि ट्रांसजेंडर्स को न्याय भी इसी सदन में दिया गया।
‘समाज का ऐसा कोई वर्ग नहीं, जिसकी संसद में चिंता नहीं हुई‘
उन्होंने कहा, ‘इसी सदन में हमने चार हजार से ज्यादा कानून बनाए। समाज का ऐसा कोई वर्ग नहीं रहा, जिसकी सदन में चिंता न हुई हो। यहीं पर हमने अनुच्छेद 370 को हटाने का भी फैसला लिया। आज जम्मू-कश्मीर शांति और विकास के रास्ते पर चलने के लिए प्रतिबद्ध हुआ है। आज जब देश का संविधान भी वहां लागू हुआ है तो यहां की मिट्टी को प्रणाम करने का मन करता है। यह दिखाता है कि संसद के सदस्यों ने मिलकर कितने अहम काम किए हैं। लाल किले से मैंने कहा था कि यही समय है और सही समय है। आज भारत नई चेतना के साथ पुनर्जागृत हो चुका है। भारत नई ऊर्जा से भर चुका है।’
‘कुछ लोग यहां निराश होंगे, पर दुनिया को हम पर भरोसा‘
पीएम मोदी ने कहा कि ‘हम में से कुछ लोगों में निराशा हो सकती है, लेकिन दुनिया को भरोसा है कि भारत टॉप 3 में पहुंचकर रहेगा।’ उन्होंने कहा, ‘भारत का बैंकिंग सेक्टर में अपनी मजबूती के चलते दुनिया में चर्चा का केंद्र है। भारत का गवर्नेंस का मॉडल, यूपीए, डिजिटल कामकाज आज पूरी दुनिया के लिए आकर्षण बन गया है। हम सब ऐसे कालखंड में हैं, जब भारत की आकांक्षाएं उस ऊंचाई पर हैं, जो पिछले हजार साल में नहीं रही होंगी। यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है। गुलामी के कालखंड ने भारत की आकांक्षाओं को दबोच कर रखा था। अब हम जहां पहुंच गए हैं, वहां कोई रुकना नहीं चाहता। हम जिस दिशा में बढ़े हैं, उसमें इच्छित परिणाम निकलेंगे।’
‘छोटी-छोटी चीजों पर लड़ने का वक्त गया, अब आत्मनिर्भर भारत की शुरुआत करनी है‘
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘छोटी-छोटी चीजों पर लड़ने का वक्त चला गया है। अब हमें आत्मनिर्भर भारत की शुरुआत करनी होगी। आज दुनिया पांच वर्ष के अंदर ही आत्मनिर्भर भारत की चर्चा करने लगी है। कौन नहीं चाहेगा कि हम एडिबल ऑइल, डिफेंस और तकनीक के मामले में आत्मनिर्भर बन जाएं। इस संकल्प को पूरा करना हम सभी का दायित्व है और इसमें दल आड़े नहीं आते हैं। सिर्फ दिल चाहिए और देश के लिए चाहिए।’