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सीएम स्टालिन के बेटे उदयनिधि के खिलाफ दिल्ली में शिकायत दर्ज, सनातन धर्म की डेंगू-मलेरिया से की थी तुलना

सीएम स्टालिन के बेटे उदयनिधि के खिलाफ दिल्ली में शिकायत दर्ज, सनातन धर्म की डेंगू-मलेरिया से की थी तुलना

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नई दिल्ली, 3 सितम्बर। सनातन धर्म पर दिए गए बयान को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हिन्दू सेना ने इस मामले में दिल्ली पुलिस के कमिश्नर संजय अरोड़ा के पास अपनी शिकायत दी है। सामाजिक कार्यकर्ता और सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने उदयनिधि पर भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

उदयनिधि स्टालिन ने दिया था ये बयान

उल्लेखनीय है कि शनिवार को चेन्नई में एक कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय के खिलाफ है और इसे खत्म करना चाहिए। उदयनिधि ने कहा था, ‘मुझे लगता है कि इन कॉन्फ्रेंस के आयोजक ने मुझे विशेष बात कहने का मौका दिया है। आपने इस कॉन्फ्रेंस का नाम सनातन उन्मूलन सम्मेलन रखा है। मैं इसकी प्रशंसा करता हूं।’

उदयनिधि ने कहा, ‘कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता है और उन्हें सिर्फ खत्म किया जाना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते हैं। हमें इन्हें खत्म करना होगा। इसी तरह हमें सनातन को खत्म करना होगा। सनातन का विरोध करने की बजाए इसे खत्म किया जाना चाहिए। सनातन नाम संस्कृत से लिया गया है और यह समानता तथा सामाजिक न्याय के खिलाफ है।’

अपनी बात पर अड़े उदयनिधि

उदयनिधि स्टालिन के बयान पर जब बवाल बढ़ा, तब उन्होंने एक बार फिर अपनी बात रखी और सनातन धर्म को लेकर पूर्व में रखे गए अपने विचार पर ही कायम नजर आए। उन्होंने कहा, ‘मैं पेरियार और अंबेडकर द्वारा लिखी गई बातों को दिखाने के लिए तैयार हूं। इन लोगों ने सनातन धर्म और इससे समाज पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को लेकर गहर शोध किया था। मेरा मानना है कि जिस तरह कोविड-19, डेंगू और मलेरिया मच्छरों द्वारा फैलता है उसी तरह सनातन धर्म भी कई सामाजिक बुराइयों का कारक है।’

विश्व हिन्दू परिषद की प्रतिक्रिया – यह औपनिवेशिक मानसिकता

उदयनिधि के बयान पर विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के वरिष्ठ नेता विजय शंकर तिवारी की भी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने इसकी निंदा करते हुए कहा कि स्टालिन का बयान सनातन धर्म के खिलाफ है और यह और औपनिवेशिक मानसिकता है। वीएचपी नेता ने कहा कि ऐसे लोगों को अपनी औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर आना चाहिए। सनातन का मतलब होता है जो शाश्वत है और यह कई बरसों से मौजूद है और आगे भी अस्तित्व में रहेगा।

कांग्रेस ने स्टालिन के बयान से बनाई दूरी

वहीं कांग्रेस ने स्टालिन के इस बयान से खुद को अलग कर लिया है। कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने कहा कि नेताओं में हिन्दुओं को गाली देने की होड़ मची है। 1000 सालों से सनातन धर्म को खत्म करने की कोशिश हो रही है। कोई इसे मिटा नहीं सका है।

धर्म के राजनीतिकरण के लिए भाजपा जिम्मेदार – राशिद अल्वी 

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने भी कहा, ‘इस देश की पहचान है कि यहां सभी धर्मों का सम्मान होता है। हमारा संविधान धर्मनिरपेक्ष इसलिए है कि विभिन्न धर्मों के लोग यहां रहते हैं। लेकिन पिछले नौ वर्षों में भाजपा ने धर्म का राजनीतिकरण किया है, इसलिए कोई आकर धर्म को लेकर ऐसी बातें कहता है। जिसने यह सबकुछ कहा है, वो गलत है, लेकिन धर्म के राजनीतिकरण के लिए भाजपा जिम्मेदार है।

शाहनवाज बोले – उदयनिधि के बयान पर INDIA के सदस्य अपना स्टैंड साफ करें

उदयनिधि के बयान पर मचे हंगामे के बीच भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई है। भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि एमके स्टालिन INDIA गठबंधन के मजबूत स्तंभ हैं और उनके बेटे इस तरह का बयान दे रहे हैं। कांग्रेस और INDIA गठबंधन के अन्य सदस्यों को अपना स्टैंड साफ करना चाहिए। यह बयान दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी निंदा होनी चाहिए।

विपक्षी गठबंधन के नेताओं का हिन्दू विरोध चेहरा फिर उजागर हुआ – पूनावाला

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि एक बार फिर इंडिया गठबंधन के नेताओं का हिन्दू विरोध चेहरा उजागर हुआ है। स्टालिन ने बीमारियों से सनातन धर्म की तुलना कर इसे खत्म करने की बात कही है। यह नरसंहार को आमंत्रण की तरह है। इससे उनकी मानसिकता का पता चलता है। यह मोहब्बत की दुकान है या फिर यह नफरत के भाईजान हैं?

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