बाकू (अजरबेजान), 22 अगस्त। भारत के 18 वर्षीय किशोर ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रज्ञानानंद ने मंगलवार को यहां फिडे विश्व कप शतरंज टूर्नामेंट के फाइनल की पहली क्लासिकल बाजी में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को बराबरी पर रोक दिया।
प्रज्ञानानंद ने खुद से अधिक अनुभवी और बेहतर रैंकिंग वाले खिलाड़ी के खिलाफ प्रभावशाली प्रदर्शन किया और सफेद मोहरों से खेलते हुए विरोधी खिलाड़ी को 35 चाल के बाद ड्रॉ के लिए राजी किया।
दूसरी बाजी में कार्लसन के पास सफेद मोहरों का लाभ रहेगा
कार्लसन बुधवार को दो क्लासिकल मैचों के मुकाबले की दूसरी बाजी में सफेद मोहरों से शुरुआत करेंगे और फायदे की स्थिति में रहेंगे। यह देखना दिलचस्प रहेगा कि दुनिया के सबसे कम उम्र फाइनलिस्ट प्रज्ञानानंद क्या करिश्मा करते हैं।
Post-game moments after Praggnanandhaa drew against Magnus Carlsen in game 1 of the FIDE World Cup Finals.
Magnus Carlsen will have the White pieces tomorrow! If the game ends in a draw, the players go into tiebreaks. A win for either means they've won the World Cup!
Photos: IM… pic.twitter.com/wZp105S3Ks
— ChessBase India (@ChessbaseIndia) August 22, 2023
प्रज्ञानानंद ने सेमीफाइनल में करुआना को शिकस्त दी थी
गौरतलब है कि प्रज्ञानानंद ने सेमीफाइनल में दुनिया के तीसरे नंबर के अमेरिकी ग्रैंडमास्टर फैबियानो करुआना को टाईब्रेकर में 3.5-2.5 से हराकर उलटफेर करते हुए फाइनल में जगह बनाई थी। दोनों के बीच दो क्लासिकल मैचों की टक्कर बराबरी पर छूटी थी।
प्रज्ञानानंद भारत के महानतम खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद के बाद विश्व कप फाइनल में जगह बनाने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं। इस चैम्पियनशिप के फाइनल में प्रवेश के साथ ही प्रज्ञानानंद 2024 में होने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी क्वालीफाई कर चुके हैं।