यूपी कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद बृजलाल खाबरी बोले – ‘यदि मायावती की वजह से हटाया गया तो पार्टी को शुभकामनाएं’
लखनऊ, 19 अगस्त। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष पद से सिर्फ 10 माह में हटाए जाने के बाद बृजलाल खाबरी ने कहा है कि उन्हें पार्टी ने जो भी जिम्मेदारी दी थी, उसे उन्होंने बखूबी निभाने की कोशिश की। फिलहाल यदि उन्हें बसपा प्रमुख मायावती की वजह से हटाया गया तो इसके लिए वह पार्टी (कांग्रेस) को शुभकामनाएं देते हैं।
खाबरी ने किए कई सनसनीखेज खुलासे
गौरतलब है कि यूपी में अपनी खोई जमीन तलाशने के लिए संघर्षरत कांग्रेस ने बहुजन समाज पार्टी छोड़कर आए बृजलाल खाबरी को 10 माह पहले प्रदेश की बागडोर सौंपी थी। लेकिन बीते गुरुवार को पार्टी आलाकमान ने खाबरी को हटाकर वाराणसी के कद्दावर नेता अजय राय को नया प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। खाबरी को हटाए जाने के बाद राजनीतिक गलियारों में भी तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। हालांकि इस संबंध में बृजलाल ने मीडिया से बातचीत के दौरान कई सनसनीखेज खुलासे कर दिए और कई सवालों के तीखे जवाब भी दिए।
बसपा से गठबंधन की कांग्रेस की कोशिशों के सवाल पर खाबरी ने कहा, ‘अगर यह वजह है तो इसमें कोई बुरा नहीं हैं। पार्टी को शुभकामनाएं। मैं तो पिछड़े तबके के लिए लड़ता हूं, लड़ता रहूंगा। बाबा साहेब का संविधान लागू होना चाहिए।’
‘कमान संभालने के बाद मैं टीम मिलने का ही इंतजार करता रहा‘
सिर्फ 10 माह के कार्यकाल में टीम नहीं मिलने के सवाल पर खाबरी ने कहा, ‘शुरुआत में दो माह तक तो मैं टीम मिलने का इंतजार कर रहा था, लेकिन जब उस पर कोई बात नहीं हुई तो मैंने पुरानी टीम के साथ काम करना शुरू कर दिया था। जो काम करना चाहते थे, कर रहे थे। इसके बावजूद हमे परिणाम भी अच्छे दिखने लगे थे। मेरे दो ही लक्ष्य थे – पार्टी में भ्रष्टाचार नहीं चलेगा और पार्टी को मजबूत किया जाएगा।’
‘भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के प्रयासों से पार्टी में कई लोग नाराज थे‘
खाबरी ने बताया, ‘पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष की कमान मिलने के बाद मैंने सबसे पहला काम भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने का किया तो पार्टी के भीतर खलबली मच गई। कुछ लोगों में नाराजगी हुई, लेकिन मैं अपने काम में लगा रहा। इस दौरान मैंने कई लोगों को कांग्रेस से जोड़ा।’
‘पुराने प्रत्याशियों और पूर्व पदाधकारियों की बैठक बुलाना भी कइयों को रास नहीं आया‘
बृजलाल ने बताया कि पुराने प्रत्याशियों और पूर्व पदाधकारियों की मीटिंग बुलाना भी कुछ लोगों को रास नहीं आया था। इन लोगों के साथ बैठकें करना कोई बुरा प्लान नहीं था। लोग घरों में बैठे थे। इन्हें कांग्रेस के लिए ही तो सक्रिय किया जा रहा था। अच्छी बात यह रही कि लोग आए और काम भी करना शुरू किया। निकाय चुनाव में पहले के मुकाबले कांग्रेस का प्रदर्शन भी अच्छा रहा था।
‘पाला बदलना होता तो मैं कबका बदल लेता‘
आपके काम को लेकर क्या नाराजगी थी? इस सवाल पर खाबरी ने कहा कि उनसे और उनके काम से कोई भी नाराज हो, फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा, ‘मुझे जिम्मेदारी दी गई थी, नि:स्वार्थ काम किया। मुझे परिणाम दिख रहे थे, चुनाव में लोगों को भी दिखता।’ पार्टी छोड़ने के प्रश्न पर खाबरी ने कहा, ‘पाला बदलना होता तो मैं कबका बदल लेता। मुझे व्यक्तिगत स्तर पर जो मिलना था, मिल चुका है।’