राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत पर बोले कपिल सिब्बल – ‘मैंने जो कहा था, वह सही साबित हुआ’
नई दिल्ली, 5 अगस्त। मोदी उपनाम मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर उच्चतम न्यायालय की रोक के बाद राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने शनिवार को कहा कि उन्होंने पहले ही कहा था कि सजा अनुचित है। सिब्बल ने अफसोस जताते हुए कहा कि राजनीतिक एजेंडों के लिए अदालती प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है।
उच्चतम न्यायालय ने मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी से संबंधित 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में राहुल की दोषसिद्धि पर शुक्रवार को रोक लगा दी थी, जिससे उन्हें बड़ी राहत मिली थी और उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल होने का रास्ता साफ हो गया था। इस रोक के साथ ही राहुल 2024 का लोकसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं।
न्यायालय ने कांग्रेस नेता की दोषसिद्धि पर इस आधार पर रोक लगाई गई कि गुजरात के सूरत शहर की एक निचली अदालत यह नहीं बता पाई कि उन्हें दोषी पाए जाने के बाद दो वर्ष की अधिकतम सजा क्यों सुनाई गई, जिसकी वजह से उन्हें संसद के निचले सदन की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि अगर सजा एक दिन कम होती तो उन्हें अयोग्य नहीं ठहराया गया होता।
Supreme Court
Stays Rahul’s convictionOn the day Rahul was convicted I publicly said the conviction is unwarranted and will not stand
The reason I gave is what the Supreme Court said yesterday
Unfortunate that court procedures are used for political agendas !
— Kapil Sibal (@KapilSibal) August 5, 2023
सिब्बल ने ट्वीट किया, “उच्चतम न्यायालय ने राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी। जिस दिन राहुल को दोषी ठहराया गया था, उस दिन मैंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि यह सजा अनुचित है और इसे बरकरार नहीं रखा जाएगा। मैंने जो कारण बताया था, वही कल उच्चतम न्यायालय ने भी बताया।” उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अदालती प्रक्रियाओं का इस्तेमाल राजनीतिक एजेंडे के लिए किया जाता है।”
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे सिब्बल ने पिछले साल मई में कांग्रेस छोड़ दी थी और वह समाजवादी पार्टी (सपा) के समर्थन से राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य निर्वाचित हुए थे। उन्होंने अन्याय से लड़ने के उद्देश्य से एक गैर-चुनावी मंच ‘इंसाफ’ बनाया था।