स्टिमक ने एशियाई खेलों में भारतीय फुटबॉल टीम के प्रतिनिधित्व के लिए प्रधानमंत्री मोदी से की अपील
नई दिल्ली, 17 जुलाई। भारत के मुख्य कोच इगोर स्टिमक ने चयन पात्रता पूरी नहीं करने के बावजूद आगामी एशियाई खेलों में राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के प्रतिनिधित्व के लिए सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की अपील की। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने योजना बनाई थी कि स्टिमक के मार्गदर्शन में अंडर-23 टीम 23 सितंबर से शुरू होने वाले एशियाई खेलों में हिस्सा लेगी।
भारतीय फुटबॉल टीम हालांकि शीर्ष आठ टीम में शामिल होने की खेल मंत्रालय की पात्रता को पूरा नहीं करती जिसके कारण उसके महाद्वीपीय प्रतियोगिता से बाहर रहने की संभावना है। स्टिमक ने सोशल मीडिया पर लंबी पोस्ट में लिखा, ‘‘मैं आपके ध्यान में लाना चाहता हूं कि 2017 की हमारी अंडर-17 टीम जिसने अंडर-23 विश्व कप क्वालीफायर में शानदार प्रदर्शन किया और बेहद प्रतिभावान टीम है, उसे अब एशियाई खेलों में प्रतिनिधित्व से वंचित किया जा रहा है।’’
मोदी के अलावा स्टिमक ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से भी अपील की। स्टिमक ने लिखा, ‘‘इस टीम के टूर्नामेंट में खेलने की बेहद जरूरत है और वह इसकी हकदार है। जो कारण बताए गए हैं वे अनुचित हैं और भारतीय राष्ट्रीय टीम का कोच होने के नाते मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि इस मामले को तुरंत आपकी और माननीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर की जानकारी में लाया जाए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जिससे कि आप हस्तक्षेप कर सकें और एशियाई खेलों में टीम के प्रतिनिधित्व में मदद करें।’’ भारत अभी एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) देशों के बीच 18वें स्थान पर चल रहा है। क्रोएशियाई कोच स्टिमक ने लिखा, ‘‘हमारा अपना मंत्रालय रैंकिंग के संदर्भ में भागीदारी से इनकार कर रहा है जबकि सच्चाई यह है कि हमारी फुटबॉल टीम उन कुछ अन्य खेल टीमों की तुलना में बेहतर रैंकिंग पर है जिन्हें एशियाई खेलों में भाग लेने की अनुमति दी गई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इतिहास और आंकड़े भी इस बात के गवाह हैं कि फुटबॉल एक ऐसा खेल है जहां निचली रैंकिंग वाली टीम के पास शीर्ष रैंकिंग वाली टीम को हराने का मौका होता है।’’ भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को भेजे गए पत्र में खेल मंत्रालय ने कहा है, ‘‘टीम स्पर्धाओं के लिए केवल उन्हीं खेलों को शामिल किए जाने पर विचार करना चाहिए जिन्होंने एशिया के भाग लेने वाले देशों के बीच पिछले एक साल में शीर्ष आठ में जगह बनाई है।’’