‘भारत से चोरी हुई 100 धरोहर लौटाएगा अमेरिका’, मिस्र के लिए रवाना होने से पहले बोले पीएम मोदी
वाशिंगटन, 24 जून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को अमेरिका की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा समाप्त करते हुए कहा कि भारत-अमेरिका संबंधों की एक नयी, गौरवशाली यात्रा शुरू हो गई है और दुनिया दो महान लोकतंत्रों को अपने रिश्तों को मजबूत करते हुए देख रही है। वाशिंगटन स्थित रोनाल्ड रीगन बिल्डिंग एंड इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर में भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच साझेदारी की पूर्ण क्षमता अब तक साकार नहीं हुई है और दोनों देशों के संबंध 21वीं सदी में दुनिया को फिर से बेहतर बनाने पर केंद्रित हैं।
- 100 से ज्यादा मूर्तियां लौटाएगा अमेरिका: मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि अमेरिकी सरकार ने भारत की पुरानी मूर्तियां और चीजें जो चोरी हुई थीं, 100 से ज्यादा लौटाने का फैसला लिया है। ये पुरातन वस्तुएं वर्षों पहले अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंच गई थीं। ये वस्तुओं को लौटाने के लिए अमेरिकी सरकार का आभार जताते हैं। किसी दूसरे देश की भावनाओं का सम्मान करने से दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूती देते हैं। पिछली बार भी मुझे बहुत सी ऐतिहासिक चीजें लौटाई गई थीं। मैं दुनिया में जहां भी जाता हूं तो वहां लोगों को लगता है कि ये सही व्यक्ति है। इसे सुपुर्द करो। सही जगह लेकर जाएगा।
प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, विनिर्माण को बढ़ावा देने और औद्योगिक आपूर्ति शृंखला को मजबूत बनाने के लिए हुए समझौतों का जिक्र करते हुए कहा कि वैश्विक मुद्दों पर दोनों देशों के रुख में समानता दिखी है और उनके बढ़ते संबंध “मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड” से जुड़े प्रयासों को बढ़ावा देंगे। मोदी ने कहा, “भारत लोकतंत्र की ‘जननी’ है, तो अमेरिका आधुनिक लोकतंत्र का ‘चैंपियन’ है और दुनिया इन दो महान लोकतंत्रों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत होता देख रही है।”
उन्होंने कहा कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय दोनों देशों के संबंधों की वास्तविक क्षमता को साकार करने में बड़ी भूमिका निभाएगा और यह भारत में अधिक से अधिक निवेश करने का उपयुक्त समय है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हम (भारत और अमेरिका) साथ मिलकर न सिर्फ नीतियां और समझौते तैयार कर रहे हैं, बल्कि हम जीवन, सपनों और नियति को आकार भी दे रहे हैं।”