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महाराष्ट्र : मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से सरकारी निवास ‘वर्षा’ में मिले एनसीपी प्रमुख शरद पवार

महाराष्ट्र : मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से सरकारी निवास ‘वर्षा’ में मिले एनसीपी प्रमुख शरद पवार

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मुंबई, 1 जून। महाराष्ट्र में पिछले वर्ष हुए बड़े सियासी उठापटक के बाद से ही राज्य की राजनीति लगातार चर्चा में रहती है। इस बीच गुरुवार शाम को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बैठक ने एक बार फिर सभी का ध्यान खींच लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार शरद पवार खुद सीएम एकनाथ शिंदे से मिलने उनके सरकारी निवास ‘वर्षा’ बंगले पर पहुंचे।

मुलाकात ऐसे समय हुई, जब उद्धव ठाकरे विदेश में हैं

दिलचस्प यह रहा कि यह मुलाकात उस समय हुई है, जब उद्धव ठाकरे विदेश में हैं। दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे यह मुलाकात चली। पिछले वर्ष एकनाथ शिंदे के उद्धव ठाकरे से बगावत करने और फिर मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार दोनों नेताओं की मुलाकात हुई है। वहीं, दोनों की मुलाकात किस बात को लेकर हुई, इसका खुलासा खुद शरद पवार ने एक ट्वीट के जरिए किया।

शरद पवार बोले – मराठा मंदिर संस्था के कार्यक्रम के लिए सीएम को दिया आमंत्रण

शरद पवार ने इस मुलाकात के बाद ट्वीट किया और बताया कि उन्होंने मुंबई के मराठा मंदिर के अमृत महोत्सव की वर्षगांठ के लिए सीएम एकनाथ शिंदे को आमंत्रण दिया है। दरअसल, मराठा मंदिर संस्था को 75 साल पूरे हो चुके हैं। इसे लेकर एक समारोह 24 जून को मुंबई में होना है। शरद पवार मराठा मंदिर संस्था के अध्यक्ष हैं।

एनसीपी प्रमुख पवार ने ट्वीट किया, ‘मराठा मंदिर, मुंबई के अमृत महोत्सव की वर्षगांठ के अवसर पर संगठन एक स्मारक समारोह आयोजित करेगा। आज महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री को इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित करने के लिए एकनाथ शिंदे से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की।’

फिलहाल सीएम शिंद से शरद पवार की मुलाकात इसलिए भी खास है कि एनसीपी प्रमुख की ही महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार बनाने में अहम भूमिका मानी जाती है। एमवीए गठबंधन के तहत शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी साथ आए थे और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने। हालांकि, शिवसेना में पिछले साल बगावत हो गई।

शिंदे के नेतृत्व में कई विधायक अलग हो गए और खुद को असल शिवसेना बताते हुए भाजपा से हाथ मिला लिया। इसके बाद राज्य में महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई और शिंदे सहित अन्य बागी नेताओं ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई।

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