फिल्म ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ के ट्रेलर पर पश्चिम बंगाल में बवाल, निर्माताओं के खिलाफ मामला दर्ज
मुंबई, 26 मई। फिल्म ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ को लेकर पश्चिम बंगाल में बवाल मच गया है। फिल्म के ट्रेलर रिलीज के बाद से ही इस पर कई मामले दर्ज हो चुके हैं। अब इस मामले पर संज्ञान लेते हुए पुलिस ने फिल्म के निर्माता जितेंद्र नारायण सिंह और निर्देशक सनोज कुमार मिश्र को लीगल नोटिस भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया है।
आरोप – फिल्म के जरिए पश्चिम बंगाल को बदनाम करने की कोशिश
यह फिल्म पश्चिम बंगाल के कट्टरपंथी संगठन रोहिंग्या मुस्लिमों पर आधारित बताई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार फिल्म निर्माताओं पर आरोप लगाया गया है कि ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ के जरिए पश्चिम बंगाल को बदनाम करने की कोशिश की गई है। इस फिल्म के अगस्त, 2023 में रिलीज होने की उम्मीद है।
फिल्म निर्माता का दावा – रोहिंग्या के चलते घर-बार छोड़कर भाग रहे हिन्दू परिवार
ट्रेलर लॉन्च के दौरान निर्माता ने कहा था, ‘राज्य के सीमावर्ती जिलों में सरकार सुनियोजित तरीके से रोहिंग्या मुसलामानों को बसा कर उन्हें आईडी प्रदान कर रही है, जिसकी वजह से हिन्दुओं को अपना घर-बार छोड़ कर भागना पड़ रहा है।’ मेकर्स का दावा है कि बंगाल की इसी सच्चाई को फिल्म में दिखाने की कोशिश की गई है।
इस बयान के बाद पुलिस ने फिल्म निर्माता के खिलाफ IPC की धारा 120B), 153A, 501, 504, 505, 295 A और IT एक्ट की धारा 66D, 84B और सिनेमेटोग्राफी एक्ट की धारा 7 के तहत FIR दर्ज की थी।
भाजपा ने ममता सरकार पर बोला हमला
वहीं फिल्म डायरेक्टर सनोज मिश्र को नोटिस भेजे जाने के बाद भाजपा ने ममता सरकार पर हमला बोला है। भाजपा नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर लिखा है, ‘द केरल स्टोरी’ पर बैन लगाने की असफल कोशिश के बाद ममता सरकार का प्रशासन अब एक ऐसे फिल्मकार को धमकी दे रहा है, जिसने फिल्म को सच्ची घटनाओं और राज्य के मौजूदा हालात पर आधारित बनाया है।’
After a failed attempt to ban The Kerala Story (the film is still not in theatres because owners are being threatened with punitive action, if they do), Mamata Banerjee’s administration is now intimidating the director and producer of The Diary of West Bengal, a movie based on… https://t.co/Z4O5uHAOWX pic.twitter.com/seq0QL6VR1
— Amit Malviya (@amitmalviya) May 26, 2023
अमित मालवीय ने लिखा, ‘फिल्म निर्माता को नोटिस अनावश्यक है, क्योंकि ट्रेलर में तथ्यात्मक रूप से कुछ भी गलत नहीं है। ममता बनर्जी को बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटना बंद करना चाहिए।’