शरद पवार ने बगावत की अटकलों के बीच एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ने का किया फैसला
मुंबई, 2 मई। महाराष्ट्र के वयोवृद्ध नेता शरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में पिछले कुछ दिनों से तमाम मुद्दों पर जारी गतिरोध एवं भतीजे अजित पवार की अगुआई में आशंकित बगावत की अटकलों के बीच मंगलवार को चौंकाने वाली घोषणा कर दी कि वह पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने जा रहे हैं। हाल के दिनों में लगातार कयास लगाए जा रहे हैं कि अजित पवार पार्टी विधायकों का बड़ा हिस्सा तोड़कर महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार के साथ जा सकते हैं।
अपनी आत्मकथा के विमोचन के अवसर पर किया एलान
82 वर्ष की अवस्था पार कर चुके शरद पवार ने यहां अपनी आत्मकथा ‘राजकीय आत्मकथा’ के विमोचन के अवसर पर पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने का एलान किया। वर्ष 1999 में कांग्रेस से अलग होकर एनसीपी बनाने वाले पवार उस वक्त से ही पार्टी के अध्यक्ष थे। ऐसे में उनके पार्टी अध्यक्ष पद से हटने के कई तरह के कयास लग रहे हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण सवाल है कि पवार के बाद अब पार्टी की कमान उनकी बेटी सुप्रिया सुले के पास जाती है या फिर उनके भतीजे अजित पवार एनसीपी की अगुवाई करेंगे।
‘मेरी इच्छा है कि अब इस पद को कोई और संभाले‘
शरद पवार ने आत्मकथा के विमोचन कार्यक्रम में कहा, ‘मेरी इच्छा है कि अब इस पद को कोई और संभाले। इसलिए मैं अध्यक्ष पद से हट रहा हूं।’ इस बीच खबर आ रही है कि पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए समिति भी बन गई है, जिसमें प्रफुल्ल पटेल, अनिल देशमुख और दिलीप वलसे पाटिल सहित अन्य नेता शामिल हैं।
हालिया महीनों में शरद पवार लगातार कह रहे थे कि वह शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के साथ बने रहेंगे। हालांकि पार्टी में उपजे विवाद को लेकर तभी गंभीर कयास लगने लगे थे, जब पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कुछ रोज पहले कहा था कि आगामी 15 दिनों में महाराष्ट्र और दिल्ली की सियासत में कुछ बड़ा होने वाला है।
अब चूंकि शरद पवार ने अध्यक्ष पद से हटने का एलाना कर दिया है तो उन दावों की पुष्टि होती है, जिसमें कहा जा रहा था कि शरद पवार और भतीजे अजीत पवार के बीच पार्टी के कई महत्वपूर्ण फैसलों को लेकर खींचतान चल रही थी। कहा जा रहा था कि अजित पवार अपने चाचा से बगावत करके कई विधायकों के साथ भाजपा का रुख कर सकते हैं।
इस संबंध में एनसीपी के नेताओं का कहना था कि शरद पवार इस टूट का बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। हालांकि अजित पवार ने पार्टी में या पिर शरद पवार के साथ किसी भी तरह के गतिरोध से इनकार करते हुए कहा था कि पार्टी में कोई भी असंतोष नहीं है और वह भाजपा के साथ बिल्कुल नहीं जा रहे हैं।