सुप्रीम कोर्ट का विपक्षी दलों को झटका – सीबीआई व ईडी जैसी जांच एजेंसियों के ‘दुरुपयोग’ मामले पर सुनवाई से इनकार
नई दिल्ली, 5 अप्रैल। सीबीआई या ईडी जैसी जांच एजेंसियों के केंद्र सरकार द्वारा मनमाने तरीके से इस्तेमाल का आरोप लगाने वाले विपक्षी दलों को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा, जिसने कांग्रेस सहित 14 राजनीतिक दलों की याचिका खारिज कर दी।
शीर्ष अदालत के इनकार के बाद राजनीतिक दलों ने अपनी याचिका वापस ली
इस याचिका में विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों के ‘दुरुपयोग’ का आरोप लगाया गया था। साथ ही याचिका में मांग की गई थी कि कोर्ट ऐसी एजेंसियों के लिए भविष्य के लिए दिशानिर्देश जारी करे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसे दिशानिर्देश नहीं दिए जा सकते। शीर्ष कोर्ट ने साथ ही कहा कि नेताओं के लिए अलग नियम कैसे हो सकते हैं। कोर्ट से मिले इनकार के बाद राजनीतिक दलों ने अपनी याचिका वापस ले ली।
विपक्षी दलों की याचिका पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय पीठ ने विचार करते हुए इस पर आगे सुनवाई से इनकार किया। जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जस्टिस जे.बी. पारदीवाला भी इस पीठ का हिस्सा थे।
‘बिना तथ्यों के सामान्य दिशानिर्देश जारी करना खतरनाक‘
विपक्षी दलों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तथ्यों के बिना सामान्य दिशानिर्देश देना संभव नहीं है। कोर्ट ने कहा, ‘जब आपके पास व्यक्तिगत आपराधिक मामला हो तो हमारे पास वापस आएं। मामले के तथ्यों को देखे बिना सामान्य दिशानिर्देश देना खतरनाक होगा।’
इससे पहले पिछले महीने दी गई याचिका में आरोप लगाया गया था कि विपक्षी दलों के नेताओं और असहमति के अपने मौलिक अधिकारों का इस्तेमाल करने वाले अन्य नागरिकों के खिलाफ आपराधिक काररवाइयां की जाती हैं।
याचिका दायर करने वाले दलों में कांग्रेस के अलावा द्रविड़ मुनेत्र कषगम, राष्ट्रीय जनता दल, भारत राष्ट्र समिति, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), झारखंड मुक्ति मोर्चा, जनता दल (यूनाइटेड), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी और जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस शामिल थे।