नई दिल्ली, 1 फरवरी। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट आज संसद में पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री संसद में 11 बजे पेश करेंगे बजट। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह पांचवां बजट है। उन्होंने 2019 में पहला बजट पेश किया था जो पूरक बजट था। उसी वर्ष लोकसभा चुनाव हुए थे जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी लगातार दूसरी बार अपने दम पर केंद्री की सत्ता में आई थी। उसके बाद निर्मला ने वर्ष 2020 से लगातार तीन बार पूर्ण बजट पेश कर चुकी हैं।
अगले वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले पूरक बजट ही पेश किया जाएगा, इसलिए इस बार के बजट से बहुत उम्मीदें हैं। आम चुनाव से पहले के आम बजट में विकास परियोजनाओं के लिए सरकार का खजाना खुलने की उम्मीद है तो आम नागरिकों को भी रोजगार और महंगाई के मोर्चे पर राहत दिए जाने की उम्मीद है। वहीं, नौकरी पेशा वर्ग बजट 2023 से टैक्स स्लैब से लेकर निवेश पर टैक्स छूट तक, अलग-अलग तरीकों से टैक्स पर राहत के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ टकटकी लगाए है। इस बार का बजट किन उम्मीदों पर खरा उतरता है और कैसे भारत के भविष्य का खाका खींचता है, यह वित्त मंत्री के बजट भाषण से बखूबी पता चल जाएगा।
आम बजट से पहले देश की संसद में मंगलवार को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जो आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया, उसके मुताबिक 2023-24 में विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। इसमें कहा गया है कि मजबूत वैश्विक विपरीत परिस्थितियों और कड़ी घरेलू मौद्रिक नीति के बावजूद यदि आधार प्रभाव के लाभ के बिना भारत के अभी भी 6.5 और 7.0 प्रतिशत के बीच बढ़ने की उम्मीद है तो यह भारत की अंतर्निहित आर्थिक मजबूती का प्रतीक है। आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 ने अर्थव्यवस्था के विकास चालकों को फिर से भरने, नवीनीकृत करने और फिर से सक्रिय करने की अपनी क्षमता के बारे में बताया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक सर्वेक्षण को भारत के विकास पथ का व्यापक विश्लेषण बताया। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘आर्थिक सर्वेक्षण भारत के विकास पथ का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करता है, जिसमें हमारे राष्ट्र के प्रति वैश्विक आशावाद, इन्फ्रा पर ध्यान, कृषि, उद्योगों में वृद्धि और भविष्य के क्षेत्रों पर जोर शामिल है।’ इकनॉमिक सर्वे में चालू वित्त वर्ष में 7 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया, जबकि इसने 2023-24 में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है। 2021-22 में जीडीपी ग्रोथ 8.7 फीसदी थी।