जूनियर छात्रा की रैगिंग करने वाले 12 छात्रों का वीडियो वायरल, कॉलेज से निष्कासित करने का फैसला
नई दिल्ली, 18 नवम्बर। ओडिशा के गंजम जिले में एक सरकारी कॉलेज में रैगिंग का मामला सामने आया है। बिनायक आचार्य कॉलेज के प्रबंधन ने कथित तौर पर एक जूनियर छात्रा की रैगिंग में शामिल 12 छात्रों को संस्थान से निष्कासित करने का फैसला किया है।
5 छात्रों की हुई गिरफ्तारी
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रैगिंग की घटना में शामिल होने के आरोप में दो किशोरों (प्लस टू) और तीन वयस्क प्लस थ्री (द्वितीय वर्ष) के छात्रों सहित पांच छात्रों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारी ने बताया कि बिनायक आचार्य कॉलेज ने एक छात्रा की रैगिंग में शामिल 12 छात्रों को संस्थान से निकालने का फैसला किया है। अधिकारी ने बताया, ‘सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो के जरिए हमने रैगिंग में शामिल छात्रों की पहचान कर ली है।’
आरोपित छात्रों को टीसी देकर निष्कासित कर दिया जाएगा : प्राचार्य
वहीं कॉलेज प्राचार्य प्रमिला खडंगा ने कहा कि इन सभी को अनिवार्य स्थानांतरण प्रमाण पत्र (टीसी) देकर कॉलेज से निष्कासित कर दिया जाएगा। प्राचार्य ने कहा, ‘प्लस टू (द्वितीय वर्ष) के छात्रों को, जिन्होंने वार्षिक परीक्षा के फॉर्म भरे हैं और रैगिंग में शामिल हैं, परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हम घटना के बारे में उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद को लिखेंगे।’
प्रमिला खडंगा ने कहा कि 12 छात्रों को कॉलेज से निकालने का फैसला गुरुवार को हुई अनुशासन समिति और एंटी रैगिंग सेल की बैठक में लिया गया। उन्होंने कहा कि निष्कासन की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में छात्रों का एक समूह एक जूनियर छात्रा को परेशान करता नजर आ रहा है। पीड़िता ने बुधवार को बड़ा बाजार थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
इस बीच पुलिस अधीक्षक, बेरहामपुर, सरबन विवेक एम ने कॉलेज के प्राचार्य के साथ सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार संस्थान में रैगिंग-विरोधी तंत्र पर चर्चा की। पुलिस ने प्रवेश और अन्य औपचारिकताओं के समय घटना में शामिल छात्रों और उनके उपक्रमों की पहचान भी मांगी।
रैगिंग की धाराओं के अलावा पॉक्सो एक्ट और आईटी एक्ट में दर्ज होगा मामला
एसपी ने कहा, ‘गिरफ्तार किए गए पांच छात्रों में से तीन की उम्र 18 साल से अधिक है। हम घटना में शामिल अन्य लोगों की जांच कर रहे हैं। यह केवल रैगिंग का मामला नहीं है, बल्कि पीड़िता के यौन उत्पीड़न का मामला है। रैगिंग की धाराओं के अलावा पुलिस पॉक्सो एक्ट और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत भी आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज करेगी।’
एसपी ने कहा कि छात्र, शिक्षक और अभिभावक टोल फ्री नंबर 112 डायल कर किसी भी संस्थान में फोन पर रैगिंग की सूचना दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर संस्थान की एंटी रैगिंग सेल ठीक से काम नहीं कर रही है तो वे नजदीकी पुलिस स्टेशन को भी रिपोर्ट कर सकते हैं।