लखनऊ, 30 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने समान नागरिक संहिता को चुनावी मुद्दा बनाया है, इससे यह साबित होता है कि इस राज्य में भाजपा की हालत वास्तव में ठीक नहीं है।
मायावती ने रविवार को भाजपा पर विकास और रोजगार के बजाय विभाजनकारी मुद्दों को उठाने का आरोप लगाया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘यूपी व अन्य राज्यों में भी रोजगार व विकास की बजाय बीजेपी द्वारा विवादित एवं विभाजनकारी मुद्दों की तरह समान नागरिक संहिता को चुनावी मुद्दा बनाना खास बात नहीं, किन्तु गुजरात में इसको चुनावी मुद्दा बनाने से इस आमचर्चा को बल मिलता है कि वहाँ बीजेपी की हालत वास्तव में ठीक नहीं है।’
बसपा प्रमुख ने याद दिलाया कि उच्चतम न्यायालय ने भी समान नागरिक संहिता पर कोई निर्णय न करने की सरकार को ताकीद की है। इसके बावजूद गुजरात में समान नागरिक संहिता के लिये समिति का गठन करने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए मायावती ने कहा, ‘जबकि केन्द्र ने अभी हाल में स्वंय माननीय सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि यूनिफार्म सिविल कोड के मामले पर कोई निर्णय अभी न किया जाए क्योंकि इसे वह 22वें लॉ कमीशन को सौंपेगी, तो फिर गुजरात विधानसभा चुनाव में ऐसा क्या होने जा रहा है, जिससे बीजेपी विचलित है व झुक रही है।’
मायावती ने चुनावी बाण्ड के मार्फत अज्ञात स्रोतों से भाजपा को अकूत पैसा मिलने का भी परोक्ष आरोप लगाया। उन्होंने अन्य ट्वीट में कहा, ‘साथ ही, चुनाव को प्रभावित करने के लिए जनता की नजर से अज्ञात श्रोतों से प्राप्त अकूत धन का इस्तेमाल कितना उचित? ताजा आँकड़े बताते हैं कि गुजरात व हिमाचल विधानसभा आमचुनाव से पहले चुनावी बाण्ड की गुप्त फण्डिंग की मार्फत 545 करोड़ रुपये के चन्दे दिए गए हैं। यह धन कहां जा रहा है?’