महाराष्ट्र : चुनाव आयोग ने शिवसेना के उद्धव गुट को दिया नया नाम और निशान, शिंदे गुट को भी नाम आवंटित
मुंबई, 10 अक्टूबर। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने शिवसेना के दो फाड़ कर दिए हैं। आयोग ने दोनों गुटों को नए नाम भी दिए हैं। साथ ही उद्धव गुट की शिवसेना को चुनाव चिह्न भी जारी कर दिया गया है।
अब शिवसेना ‘उद्धव बालासाहेब ठाकरे‘ बनाम ‘बालासाहेबची शिवसेना‘
चुनाव आयोग ने ठाकरे खेमे की शिवसेना को शिवसेना ‘उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ नाम दिया है तो वहीं चुनाव चिह्न ‘मशाल’ दिया गया है। वहीं शिंदे गुट की शिवसेना को आयोग द्वारा ‘बालासाहेबची शिवसेना’ नाम मिला है। हालांकि शिंदे गुट को ईसी के द्वारा अब तक चुनाव चिह्न नहीं मिला है। आयोग ने ‘त्रिशूल’, ‘उगता सूरज’ और ‘गदा’ को प्रतीकों के रूप में आवंटित करने से इनकार किया है क्योंकि वे मुक्त प्रतीकों की सूची में नहीं हैं।
आयोग ने शिंदे गुट से चुनाव चिह्न के लिए फिर 3 विकल्प मांगा
ईसीआई ने सोमवार को शिवसेना विवाद पर अपने आदेश में धार्मिक लहजे वाले किसी भी चुनाव चिह्न को अनुमति नहीं दी। मतदान निकाय ने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला गुट अंतरिम में जलती हुई मशाल (‘मशाल’) का उपयोग कर सकता है जबकि एकनाथ शिंदे-समूह के गुट को मंगलवार पूर्वाह्न 10 बजे तक तीन विकल्प प्रस्तुत करने के लिए कहा गया।
ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग के फैसले को बड़ी जीत बताया
इसके तुरंत बाद, ठाकरे के नेतृत्व वाले समूह ने कहा कि वह चुनाव आयोग के फैसले को एक बड़ी जीत मानता है। ठाकरे के वफादार भास्कर जाधव ने कहा, ‘हम खुश हैं, इसे एक बड़ी जीत मानें।’ महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री ने कहा, ‘हमें खुशी है कि तीन नामों को, जो हमारे लिए सबसे ज्यादा मायने रखते हैं – उद्धव जी, बालासाहेब और ठाकरे – नए नाम में रखा गया है।’
चुनाव आयोग का यह आदेश दोनों खेमों द्वारा चुनाव चिह्न के लिए अपने विकल्प आयोग को सौंपे जाने के बाद है। जहां ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट ने मतदान निकाय से तीन प्रतीकों में ‘त्रिशूल’, ‘जलती हुई मशाल’ और ‘उगता सूरज’, एक को अंतिम रूप देने का आग्रह किया था तो वहीं शिंदे के नेतृत्व वाले शिविर ने ‘उगता सूरज’, ‘त्रिशूल’ और ‘गदा’ चुनाव निशान की मांग की थी। अपने आदेश में, चुनाव आयोग ने पिछले हफ्ते अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव में दोनों गुटों को पार्टी के नाम और उसके ‘धनुष और तीर’ चुनाव चिह्न का उपयोग करने से रोक दिया था।