मायावती का केंद्र पर हमला – महंगाई व बेरोजगारी की तरह रुपये के अवमूल्यन को हल्के में न ले सरकार
लखनऊ, 24 सितम्बर। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने भारतीय रुपये के विश्व बाजार में लगातार गिरावट को लेकर सरकार पर हमला बोला है। मायावती ने शनिवार को अपने ट्वीट में कहा कि भारतीय रुपये की विश्व बाजार में लगातार गिरावट भले ही सरकार के प्रतिष्ठा से सीधे तौर पर न जुड़ी हो और लोगों को भी इसकी खास चिंता न हो, लेकिन इससे देश की अर्थव्यवस्था चरमराती है व मनोबल भी टूटता है। सरकार महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी की तरह रुपये के अवमूल्यन को हल्के में न ले।
मायावती ने कहा कि विदेशी मुद्रा भण्डार के भी घटकर दो साल के निचले स्तर पर आ जाने की खबर सुर्खियों में है। इसको लेकर रिजर्व बैंक व अन्य सभी चिन्तित व व्याकुल हैं। इसलिए सरकार की गलत आर्थिक नीतियों व प्राथमिकताओं का इसे दोष मानने के आरोप-प्रत्यारोप में न उलझ कर इस ओर त्वरित प्रभावी कदम उठाने की जरुरत है।
2. विदेशी मुद्रा भण्डार के भी घटकर दो साल के निचले स्तर पर आ जाने की ख़बर सुर्ख़ियों में है व रिज़र्व बैंक व अन्य सभी चिन्तित व व्याकुल। इसलिए सरकार की गलत आर्थिक नीतियों व प्राथमिकताओं का इसे दोष मानने के आरोप-प्रत्यारोप में न उलझ कर इस ओर त्वरित प्रभावी कदम उठाने की ज़रूरत।
— Mayawati (@Mayawati) September 24, 2022
इससे पूर्व 11 सितम्बर को मायावती ने कहा था कि देश की विशाल आबादी जबर्दस्त महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी आदि की समस्या से आज भी लगभग वैसी ही दुःखी व त्रस्त है जैसे कोरोनाकाल से ही झेलने को मजबूर है। अतः पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत् मिलने वाला मुफ्त राशन बंद करके इनके मुंह का निवाला छीनना अनुचित व अन्यायपूर्ण होगा।
यही मुख्य कारण है कि विभिन्न राज्यों की सरकारें इस अन्न योजना को सितम्बर महीने के बाद आगे और भी समय तक जारी रखने का दबाव केंद्र सरकार पर बना रही हैं। वैसे भी केंद्र की सरकार को व्यापक जनहित के मद्देनजर इस पर समुचित व सहानुभूतिपूर्वक ध्यान जरूर देना चाहिए, बीएसपी की यह मांग। बता दें कि रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर को भी तोड़कर 81 पर पहुंच गया है। इस साल की बात करें तो रुपया 8.48 फीसदी टूट चुका है।