गुजरात : विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में बढ़ा तनाव, सीएम भूपेंद्र पटेल ने वापस लिए दो मंत्रियों के प्रभार
गांधीनगर, 21 अगस्त। गुजरात में इसी वर्षांत प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के पहले सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में अंदरखाने तनाव बढ़ता जा रहा है। इसकी बानगी शनिवार की रात देखने को मिली, जब मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल ने कैबिनेट में बड़े बदलाव करते हुए राजस्व मंत्री और सड़क एवं भवन मंत्री से उनका प्रभार वापस लेकर दूसरे मंत्रियों को सौंप दिया।
राजेंद्र त्रिवेदी से राजस्व मंत्रालय का प्रभार वापस लिया गया
प्राप्त जानकारी के अनुसार राजेंद्र त्रिवेदी से राजस्व मंत्रालय लेकर इसका चार्ज गृहमंत्री हर्ष संघवी को सौंपा गया है। वहीं, सड़क और भवन मंत्रालय पुर्णेश मोदी से वापस लेकर इसका चार्ज जगदीश पंचाल को दिया गया है। दरअसल, राजेंद्र त्रिवेदी के पास राजस्व मंत्रालय के अलावा कानून मंत्रालय भी था। फिलहाल उनसे राजस्व मंत्रालय की ही जिम्मेदारी वापस ली गई है।
दोनों ही मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने की आशंका थी
सूत्रों के अनुसार दोनों ही मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने की आशंका थी, इससे पहले ही सरकार ने उनसे उनके विभाग छीन लिए। हालांकि, आधिकारिक तौर पर ज्यादा विभाग होने के कारण विभाग कम करने की बात कही जा रही है।
चुनावी मैदान में ‘आप‘ की उपस्थिति से भाजपा सतर्क
दरअसल, इस बार चुनावी मैदान में आम आदमी पार्टी भी है, इसलिए भाजपा फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। पार्टी बिल्कुल नहीं चाहती कि उसके किसी भी मंत्री पर किसी तरह के आरोप लगें। इससे चुनाव में नुकसान हो सकता है। वहीं, ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इसे मुद्दा बना सकते हैं।
बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई को लेकर राज्य सरकार पहले ही विपक्ष के निशाने पर
उल्लेखनीय है कि बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई को लेकर राज्य सरकार पहले ही विपक्ष के निशाने पर है। इस मामले पर भाजपा का कोई भी नेता आधिकारिक बयान देने से बच रहा है। हालांकि, मामले के सभी 11 दोषियों की रिहाई के बाद गोधरा के बीजेपी विधायक सीके राउलजी ने चौंकाने वाला बयान दिया था।
सीके राउलजी ने कहा था कि बिलकिस रेप केस के कुछ दोषी ‘ब्राह्मण’ हैं, जिनके अच्छे ‘संस्कार’ हैं। उन्होंने कहा था कि उन्हें नहीं पता कि 15 साल से ज्यादा समय के बाद जेल से रिहा किए गए दोषी अपराध में शामिल थे या नहीं। राउलजी दोषियों की सजा माफ करने वाली सरकारी समिति का हिस्सा भी थे।