श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग के अधिकारी विवेक वर्मा पर हमला, हाथ में प्लास्टर कराना पड़ा
कोलंबो, 19 जुलाई। इतिहास के सबसे भयावह आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में सोमवार की रात राजधानी कोलंबो के पास भारतीय दूतावास के एक अधिकारी विवेक वर्मा पर जानलेवा हमला किया गया। विवेक भारतीय वीजा सेंटर के डायरेक्टर हैं। घायल विवेक को हाथ में प्लास्टर कराना पड़ा।
भारतीय उच्चायोग की अपने नागरिकों से सतर्क रहने की अपील
भारतीय उच्चायोग ने एक ट्वीट में जानकारी दी कि बीती रात कोलंबो के पास विवेक वर्मा पर यह बिना किसी कारण के हमला किया गया। उच्चायोग ने भारत के नागरिकों से सतर्क रहने का अपील करते हुए कहा, ‘हमारे अधिकारियों ने विवेक वर्मा से मुलाकात की है। उन्हें गंभीर चोटें आई हैं। इस पूरे मामले को श्रीलंका के साथ उठाया गया है।’
Officials of @IndiainSL met in the morning Mr. Vivek Varma, an Indian national and Director of Indian Visa Center, who sustained grievous injuries in an unprovoked assault last night near #Colombo. Matter brought to attention of authorities in #SriLanka. (1/ pic.twitter.com/tUc0SOq0Gd
— India in Sri Lanka (@IndiainSL) July 19, 2022
उच्चायोग ने कहा, ‘भारत और श्रीलंका के बीच रिश्ते हमेशा से ही बहुत स्नेहपूर्ण और दोस्ताना रहे हैं। वर्तमान स्थिति में श्रीलंका में रह रहे भारतीय नागरिकों से अपील है कि वे ताजा घटनाक्रम से अपडेट रहें और उसी के अनुरूप अपनी गतिविधियों और आने जाने का प्लान करें। जरूरत पड़ने पर भारतीय नागरिक उच्चायोग से संपर्क कर सकते हैं।’
भारत करीब 4 अरब डॉलर की आर्थिक मदद श्रीलंका को दे चुका
उल्लेखनीय है कि श्रीलंका में जारी राजनीतिक संकट के बीच भारत लगातार अपने पड़ोसी देश की मदद कर रहा है। भारत करीब चार अरब डॉलर की आर्थिक मदद लोन या सामान के रूप में श्रीलंका को मुहैया करा चुका है। श्रीलंका को भारत तेल, खाद्यान, दवाएं, खाद, बच्चों के लिए जरूरी सामान लगातार मुहैया करा रहा है। इसके बाद भी भारतीय राजनयिक पर जानलेवा हमला कई तरह के सवाल पैदा करती है।
इससे पहले भारत के खिलाफ कई बार माहौल भड़काने की कोशिश की गई, लेकिन सब बेकार साबित हुई थी। यह कहा गया कि गोटबाया को भागने में भारत ने मदद की है। सोशल मीडिया पर उड़ी इस अफवाह का भारत तत्काल खंडन कर दिया था। भारत ने कहा था कि वह श्रीलंका की जनता के साथ खड़ा है और राजपक्षे परिवार की मदद का आरोप झूठा है।