वित्त मंत्री निर्मला की विनम्रता देख ट्विटर यूजर्स ने बांधे तारीफों के पुल, सीट से उठकर जब ऑफर किया पानी
नई दिल्ली, 8 मई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वित्त मंत्री एक कार्यक्रम में अपनी सीट से उठती हैं और कार्यक्रम को संबोधित कर रहीं एनएसडीएल (एमएसडीएल) की एमडी पद्मजा चुंदरू को पानी का ग्लास देती दिख रही हैं। वित्त मंत्री के इस व्यवहार को सोशल मीडिया पर काफी सराहा जा रहा है।
दरअसल, मुंबई में शनिवार को आयोजित नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड के सिल्वर जुबली कार्यक्रम में निर्मला सीतारमण पहुंची थीं। यहां उन्होंने छात्रों के लिए एनएसडीएल निवेशक जागरूकता कार्यक्रम-मार्केट का एकलव्य का शुभारंभ किया था।
At an NSDL event: While giving a speech Smt. Padmaja MD, NSDL requests hotel staff for water.
And guess what happened next pic.twitter.com/hmxJbiRINz
— Rishi Bagree (@rishibagree) May 8, 2022
तालियों से गूंज उठा हॉल
कार्यक्रम में पद्मजा चुंदरू का संबोधन चल रहा था। वीडियो में चुंदरू को अपना संबोधन बीच में रोककर होटल स्टाफ से पानी मांगते देख गया। इसके बाद उन्होंने बीच में रुकने के लिए माफी मांगी और फिर से संबोधित करना शुरू कर दिया। इस बीच निर्मला अपनी सीट से उठीं और पोडियम तक जाकर चुंदरू को पानी की बोतल और ग्लास ऑफर किया। वित्त मंत्री का यह व्यवहार देखते ही पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा। पद्मजा ने वित्त मंत्री को थैंक्यू कहा और ग्लास में पानी डालकर पिया। इसके बाद उन्होंने फिर से कार्यक्रम को संबोधित करना शुरू किया।
तेजी से वायरल हो रही वीडियो
सोशल मीडिया पर यह वीडियो काफी तेजी से शेयर किया जा रही है। एक ट्विटर यूजर संदीप सिक्का ने लिखा, ‘एनएसडीएल कार्यक्रम : भाषण देते समय एनएसडीएल की एमडी पद्मजा ने होटल के कर्मचारियों से पानी के लिए अनुरोध किया। तभी वित्त मंत्री उठती हैं, मंच पर चलकर पद्मजा को पानी की बोतल देती हैं। क्या कमाल का व्यवहार है !! वास्तव में आपकी विनम्रता का सम्मान करता हूं।’
ब्याज दरों में वृ्द्धि पर दी प्रतिक्रिया
निर्मला सीतारमण ने इस कार्यक्रम में प्रमुख ब्याज दरों में वृद्धि के फैसले पर अपनी राय रखी थी। उन्होंने कहा, ‘केंद्रीय बैंक की दर वृद्धि का समय एक आश्चर्य की तरह था, न कि दर वृद्धि। लोग सोच रहे थे कि यह काम किसी भी तरह किया जाना चाहिए था। आश्चर्य इसलिए हुआ कि यह फैसला मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की दो बैठकों के बीच में हुआ।’