वाराणसी : ज्ञानवापी मामले में एक याचिकाकर्ता राखी सिंह केस वापस लेंगी, अन्य 4 वादी अपने रुख पर तटस्थ
वाराणसी, 8 मई। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम- ज्ञानवापी प्रकरण में हिन्दू पक्ष की तरफ से पांच वादियों में से एक राखी सिंह सोमवार को अपना केस वापस लेंगी। हालांकि हिन्दू पक्ष का कहना है कि बाकी चार वादी अपने रुख पर तटस्थ हैं और वो केस चलाएंगी। फिलहाल हिन्दू पक्ष के वकील और अन्य पदाधिकारी बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे। चार वादियों में सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक हैं। तो वहीं राखी सिंह के केस वापस लेने के निर्णय के पीछे का कारण स्प्ष्ट नहीं है।
आपको बता दें कि दिल्ली की रहने वाली राखी सिंह, सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक ने 18 अगस्त 2021 को संयुक्त रूप से सिविल जज की अदालत में याचिका दायर की थी और मांग की थी कि काशी विश्वनाथ धाम-ज्ञानवापी परिसर में स्थित गौरी और विग्रहों को 1991 की स्थिति की तरह नियमित दर्शन-पूजन के लिए सौंपा जाए। आदि विश्वेश्वर परिवार के विग्रहों की यथास्थिति रखी जाए।
31 साल पहले हुई थी मांग
विवादित जगह पर हमेशा से मस्जिद ही थी या फिर करीब चार सौ साल पहले मंदिर को तोड़कर वहां मस्जिद का निर्माण कराया गया था। यह विवाद तो वाराणसी की अदालत से ही तय होगा, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट को उससे पहले यह तय करना है कि वाराणसी की अदालत उस मुकदमे की सुनवाई कर सकती है या नहीं, जिसमें 31 साल पहले यह मांग की गई थी कि विवादित जगह हिन्दुओं को सौंपकर उन्हें वहां पूजा-पाठ की इजाजत दी जाए।
हाई कोर्ट में इस विवाद से जुड़े मुकदमों की अगली सुनवाई दो दिन बाद यानी दस मई को होगी। वैसे कानूनी पेचीदगियों में यह मामला इतना उलझ चुका है कि इसमें अब तथ्य और रिकार्ड दरकिनार होते जा रहे हैं। साथ ही अयोध्या विवाद की तरह भावनाएं हावी होती जा रही है। इस विवाद में अब सब कुछ इलाहाबाद हाई कोर्ट से जल्द आने वाले फैसलों पर ही निर्भर करेगा। कोर्ट कमिश्नर की सर्वे रिपोर्ट भी तभी किसी मतलब की होगी, जब हाई कोर्ट वाराणसी की अदालत को मुकदमे की सुनवाई की इजाजत देगा।