सीबीआई कोर्ट का फैसला : चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव सहित 75 लोग दोषी करार, 24 अभियुक्त बरी
रांची, 15 फरवरी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में मंगलवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव सहित 75 लोगों को दोषी करार दिया है। लालू सहित कुछ अन्य अभियुक्तों को इसी क्रम में जेल भी भेज दिया गया।
स्मरण रहे कि लालू प्रसाद को इससे पूर्व चारा घोटाले के चार मामलों में सजा हो चुकी है और अब वह पांचवें एवं अंतिम मामले में भी दोषी पाए गए। लालू प्रसाद के अलावा जिन अन्य लोगों को दोषी ठहराया गया है, उनमें प्रमुख रूप से आर.के. राणा, जगदीश शर्मा व ध्रुव भगत शामिल हैं।
सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एस.के. शशि ने इस मामले में छह महिलाओं सहित 24 अभियुक्तों को बरी भी कर दिया। इनमें राजेंद्र पांडे, साकेत, दीनानाथ सहाय, रामसेवक साहू, अईनुल हक, सनाउल हक, मो. एकराम, मो. हुसैन, शैरो निशा, कलसमनी कश्यप, बलदेव साहू, रंजीत सिन्हा, अनिल कुमार सिन्हा (सप्लायर), निर्मला प्रसाद, कुमारी अनिता प्रसाद, रामावतार शर्मा, श्रीमती चंचला सिंह, रमाशंकर सिन्हा, बसंत, सुलिन श्रीवास्तव, हरीश खन्ना, मधु व डॉ. कामेश्वर प्रसाद शामिल हैं।
कई अभियुक्तों के नहीं पहुंचने पर अदालत गंभीर
इस बीच प्राप्त जानकारी के अनुसार चारा घोटाला मामले के कई अभियुक्त निर्धारित समय में अदालत नहीं पहुंच पाए। अदालत ने इसे गंभीरता से लिया है और कहा है कि किसी भी सूरत में आरोपितों को शाम तक कोर्ट आना ही होगा। देखना यह होगा कि यह आरोपित किस तरीके से शाम तक कोर्ट में लाए जा रहे हैं या पहुंच पा रहे हैं।
कोर्ट ने दोषी करार अभियुक्तों को जेल भेजा, 18 फरवरी को तय होगी सजा
गौरतलब है कि डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले आरसी 47ए/96 में लालू प्रसाद समेत कुल 99 अभियुक्त वर्तमान में मुकदमे का सामना कर रहे थे। अदालत ने दोषी करार अभियुक्तों को जेल भेज दिया है। साथ उन लोगों की सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 18 फरवरी की तारीख निर्धारित की है।
अदालत से अभियुक्तों को कठोरतम सजा देने की मांग
इससे पूर्व सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने अदालत से अभियुक्तों को कठोरतम सजा देने की बात कही। उन्होंने कहा कि अभियुक्तों के खिलाफ पर्याप्त एवं ठोस साक्ष्य मिले हैं। वहीं बचाव पक्ष के वकील ने कहा, ‘मेरे मुवक्किलों के खिलाफ कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं है।’ बचाव पक्ष ने साथ ही उम्र को देखते हुए फैसला सुनाने का अनुरोध किया।
मामले की सुनवाई के दौरान 55 आरोपितों की मौत हो चुकी है
गौर करने वाली बात यह है कि मामले में सुनवाई के दौरान बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र समेत 55 आरोपितों की मौत हो चुकी है। दो अभियुक्तों ने निर्णय पूर्व ही दोष स्वीकार कर लिया है जबकि कि छह आरोपितों को सीबीआई अब तक दबोच नहीं पाई है। आठ आरोपितों को सीबीआई ने वादामाफ गवाह बनाया था। सीबीआई ने कुल 170 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था जबकि 148 आरोपितों के खिलाफ 26 सितंबर, 2005 में आरोप तय किया गया था।