1. Home
  2. हिन्दी
  3. राजनीति
  4. फिर निकला पेगासस का जिन्न :  न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट पर राहुल गांधी बोले – मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है
फिर निकला पेगासस का जिन्न :  न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट पर राहुल गांधी बोले – मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है

फिर निकला पेगासस का जिन्न :  न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट पर राहुल गांधी बोले – मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है

0
Social Share

नई दिल्ली, 29 जनवरी। पेगासस जासूसी मामले का जिन्न एक बार फिर बाहर निकल आया है। इस क्रम में अमेरिकी समाचार पत्र न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है कि वर्ष 2017 में भारत और इजराइल के बीच हुए लगभग दो अरब डॉलर के अत्याधुनिक हथियारों एवं खुफिया उपकरणों के सौदे में पेगासस स्पाईवेयर तथा एक मिसाइल प्रणाली की खरीद मुख्य रूप से शामिल थी।

संसद के भीतर पीएम मोदी की जवाबदेही तय करने की मांग की जाएगी

देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस इस खबर के सार्वजनिक होते ही मुखर हो उठी है। उसने शनिवार को केंद्र सरकार पर ‘देशद्रोह करने’ और संसद एवं सुप्रीम कोर्ट के साथ धोखा करने का आरोप लगाने के साथ कहा कि वह आगामी बजट सत्र के दौरान संसद के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जवाबदेही तय करने की मांग करेगी क्योंकि पीएम खुद इस स्पाईवेयर की खरीद के एवं इसके गैरकानूनी उपयोग के लिए जिम्मेदार हैं। कांग्रेस का यह भी कहना है कि वह इस मामले पर जल्द ही विभिन्न विपक्षी दलों के साथ बातचीत करके संसद सत्र के समय की रणनीति तय करेगी।

मोदी सरकार ने सत्ता पक्ष, विपक्ष, सेना, न्यायपालिका सबको निशाना बनाया

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस खबर को लेकर ट्वीट किया, ‘मोदी सरकार ने हमारे लोकतंत्र की प्राथमिक संस्थाओं, राजनेताओं व जनता की जासूसी करने के लिए पेगासस खरीदा था। फोन टैप करके सत्ता पक्ष, विपक्ष, सेना, न्यायपालिका सब को निशाना बनाया है। ये देशद्रोह है। मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है।’  फिलहाल इस मामले पर सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।

वह बात साबित हो गई, जो कांग्रेस कहती आ रही थी – सुरजेवाला

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘इस खबर से वह बात साबित हो गई, जो कांग्रेस कहती आ रही थी। मोदी सरकार ने गैरकानूनी और असंवैधानिक तरीके से अपने नागरिकों के खिलाफ इस स्पाईवेयर का उपयोग किया है। इसके लिए सीधे तौर पर प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं। यह प्रजातंत्र का अपहरण और देशद्रोह है।’

सरकार ने संसद, जनता और उच्चतम न्यायालय को धोखा दिया है

उन्होंने यह दावा भी किया, ‘मोदी सरकार ने संसद को धोखा दिया। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में कहा कि उनके पास इस स्पाईवेयर की खरीद की जानकारी नहीं है। गृह मंत्री और गृह मंत्रालय तथा रक्षा मंत्री और रक्षा मंत्रालय ने संसद के साथ धोखा किया। पेगासस स्पाईवेयर को जनता के पैसे से और प्रधानमंत्री की मंजूरी से खरीदा गया। इस सरकार ने संसद, जनता और उच्चतम न्यायालय को धोखा दिया है।’

सुरजेवाला ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘इस मामले में प्रधानमंत्री की सीधी भूमिका है। हम संसद के भीतर प्रधानमंत्री की जवाबदेही तय करने मांग कर करेंगे। हम भाजपा और उसके नेताओं की जवाबदेही जनता की अदालत में सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे। हम यह सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करते हैं कि वह इसका संज्ञान ले और उचित दंडात्मक अदालती कार्यवाही की शुरुआत करे क्योंकि इस सरकार ने जानबूझ कर सर्वोच्च अदालत को धोखा दिया है।’

खड़गे बोले – कानून से बढ़कर कोई नहीं, हम सुनिश्चित करेंगे कि न्याय हो

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘हमने संसद में पहले भी इस विषय को उठाया था। उस समय सरकार ने जांच की हमारी मांग से इनकार कर दिया था। संसद का सत्र फिर आ रहा है। ये सारी चीजें वहां रखेंगे।’

खड़गे ने कहा कि विपक्षी दलों के नेताओं से चर्चा की जाएगी और आगे रणनीति जल्द तय कर ली जाएगी। खड़गे ने सवाल किया, ‘मोदी सरकार ने भारत के शत्रु की तरह काम क्यों किया और भारतीय नागरिकों के खिलाफ ही युद्ध के हथियारों का उपयोग क्यों किया?’ उन्होंने कहा, ‘पेगासस का उपयोग गैरकानूनी जासूसी के लिए करना देशद्रोह है। कानून से बढ़कर कोई नहीं है। हम सुनिश्चित करेंगे कि न्याय हो।’

भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी उठाया सवाल

उधर भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, ‘मोदी सरकार को न्यूयॉर्क टाइम्स के खुलासे को खारिज करना चाहिए। इजरायली कम्पनी एनएसओ ने 300 करोड़ रुपये में पेगासस बेचा। प्रथम दृष्टया यह लगता है कि सरकार ने उच्चतम न्यायालय और संसद को गुमराह किया है। क्या यह ‘वाटरगेट’ है?’

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष अक्टूबर में गठित की थी विशेषज्ञों की जांच समिति

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इजराइली स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के जरिए भारतीय नागरिकों की कथित जासूसी के मामले की जांच के लिए पिछले वर्ष अक्टूबर में विशेषज्ञों की एक समिति गठित की थी। दरअसल, कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों के एक संगठन ने दावा किया था कि कई भारतीय नेताओं, मंत्रियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कारोबारियों और पत्रकारों के खिलाफ पेगासस का कथित तौर पर इस्तेमाल किया गया है।

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code