नेपाल की भारत से अपील – ‘एकतरफा निर्माण गतिविधियां बंद करें, हम कूटनीतिक माध्यम से सुलझाएंगे सीमा विवाद’
काठमांडू, 17 जनवरी। नेपाल सरकार ने एक बार फिर लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को देश के ‘अभिन्न अंग’ करार देते हुए भारत से अपील की है कि वह क्षेत्र में सभी निर्माण गतिविधियां बंद कर दे। नेपाल ने साथ ही यह भी कहा कि वह कूटनीतिक माध्यम से सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारतीय दूतावास के बाद आई नेपाल सरकार की टिप्पणी
काठमांडू में भारतीय दूतावास की ओर से जारी बयान के एक दिन बाद नेपाल सरकार की यह टिप्पणी आई है। भारतीय दूतावास ने कहा था कि नेपाल के साथ सीमा को लेकर भारत का रुख सर्वविदित, सुसंगत और स्पष्ट है। इस बारे में नेपाल की सरकार को बता दिया गया है।
बयान में कहा गया, ‘हमारा मत है कि स्थापित अंतर सरकारी तंत्र और माध्यम वार्ता के लिए सबसे उपयुक्त हैं। हमारे करीबी एवं मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों की भावना के अनुरूप लंबित सीमा मुद्दों का समाधान किया जा सकता है।’
पीएम मोदी ने लिपुलेख में बनी सड़क को और चौड़ा करने की बात कही थी
गौरतलब है कि गत 30 दिसंबर को उत्तराखंड के हल्द्वानी में भाजपा द्वारा आयोजित एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि उनकी सरकार उत्तराखंड के लिपुलेख में बनी सड़क को और चौड़ा कर रही है।
नेपाली मंत्री कर्की बोले – लिपुलेख, लिम्पियाधुरा व कालापानी क्षेत्र नेपाल के अभिन्न अंग
नेपाली संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ज्ञानेंद्र बहादुर कर्की ने कहा कि नेपाल सरकार इस तथ्य को लेकर दृढ़ और स्पष्ट है कि महाकाली नदी के पूर्व में स्थित लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी क्षेत्र नेपाल के अभिन्न अंग हैं।
नेपाल सरकार के प्रवक्ता कर्की ने कहा, ‘नेपाल की सरकार भारत सरकार से अपील करती है कि वह नेपाली क्षेत्र से होकर गुजरने वाली सड़कों का निर्माण एवं विस्तार जैसे सभी एकतरफा कदम रोक दे। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद का समाधान ऐतिहासिक संधि, समझौते, दस्तावेजों और मानचित्र और नेपाल तथा भारत के बीच निकट एवं दोस्ताना संबंधों के मुताबिक करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।’