किसान आंदोलन : घर वापसी से पहले राकेश टिकैत ने लखीमपुर कांड को लेकर कही ये बड़ी बात
नई दिल्ली, 15 दिसम्बर। किसान आंदोलन समाप्त कर 383 दिन बाद दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर से किसान नेता राकेश टिकैत अपने घर जा रहे हैं, अब एक दो दिन में किसान आंदोलन की वजह से बाधित रास्ता खुल जाएगा। घर वापसी से पहले किसान नेता राकेश टिकैत एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा है कि लखीमपुर कांड में मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी की उनकी मांग जारी रहेगी। घर वापसी से पहले राकेश टिकैत ने कहा, ‘हम 13 महीने यहां रहे, अब 13 घंटे मुजफ्फरनगर में बिताएंगे।’
इस आंदोलन की सबसे बड़ी खासियत के बारे में बारे में टिकैत ने कहा, ‘एकजुटता, शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन और सबका सहयोग।’ लखीमपुर हिंसा पर राकेश टिकैत ने कहा, ‘अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाना चाहिए, क्योंकि वह भी हिंसा में शामिल हैं। आंदोलन स्थगित हुआ है लेकिन उनकी बर्खास्तगी की मांग जारी रहेगी।’ इसके अलावा टिकैत से यूपी चुनाव पर भी सवाल किए गए, लेकिन उन्होंने फिलहाल इसपर जवाब देने से इनकार कर दिया।
गृह राज्यमंत्री टेनी के बेटे पर लखीमपुर साजिश का आरोप
दरअसल, 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के बाहरी इलाके में आशीष मिश्रा की एक एसयूवी की चपेट में आने से चार प्रदर्शनकारी किसानों और बाद की हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार सहित चार और लोगों की मौत हो गई थी। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा टेनी समेत 13 आरोपियों के खिलाफ एसआईटी ने गंभीर आरोप लगाए हैं।
किसान उस समय लखीमपुर खीरी में, भारतभर में विभिन्न स्थानों पर, तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे थे। मिश्रा की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग दोहराते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि वह इस मुद्दे पर अपना संघर्ष जारी रखेगा। छत्र संगठन ने कहा, “भारतीय किसान इस नरसंहार को तब तक नहीं भूलेंगे, जब तक हम पीड़ितों को न्याय नहीं दिला देते।”
विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मजिस्ट्रेट को अपनी रिपोर्ट में पुष्टि की है, “अब तक के विश्लेषण और एकत्र किए गए सबूतों से साबित हुआ है कि आरोपी ने लापरवाही और अनजाने में यह आपराधिक कृत्य नहीं किया, बल्कि जानबूझकर, पूर्व नियोजित रणनीति के तहत किसानों को मारने के मकसद से किया, जिससे लोगों की मौत हो गई।”