नयी दिल्ली, 26 नवम्बर। उच्चतम न्यायालय ने राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त नियुक्त करने के मामले में शुक्रवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने केंद्र सरकार के अलावा गुजरात कैडर के 1984 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी श्री अस्थाना को नोटिस जारी किया है।
केंद्र सरकार द्वारा श्री अस्थाना की नियुक्ति को दिल्ली दिल्ली उच्च न्यायालय ने 12 अक्टूबर को कानून सम्मत बताया था तथा नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी। उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर आज उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और श्री अस्थाना को नोटिस जारी कर उन्हें दो सप्ताह में जवाब देने को कहा है।
शीर्ष अदालत ने 18 नवंबर को शीघ्र सुनवाई की वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण गुहार पर इस मामले में आज सुनवाई की अनुमति दी थी। श्री भूषण ने ‘विशेष उल्लेख’ के तहत गुहार लगाई थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया था।
इससे पहले उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने नियुक्ति से संबंधित अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने श्री अस्थाना की नियुक्ति उनके सेवानिवृत्त होने के चार दिन पहले इस वर्ष 27 जुलाई को की थी। वह 31 जुलाई को सेवानिवृत्त होने वाले थे।
दिल्ली उच्च न्यायालय में सदरे आलम ने जनहित याचिका दायर कर नियुक्ति को कानून के खिलाफ बताते हुए चुनौती दी थी।
इस मामले में सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) नामक स्वयंसेवी संस्था (एनजीओ) की ओर से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने एक हस्तक्षेप याचिका दायर की थी। श्री भूषण ने इससे पहले उच्चतम न्यायालय में नियुक्ति को चुनौती के लिए जनहित याचिका दाखिल की थी। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि श्री अस्थाना की नियुक्ति दिल्ली की भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए उनके व्यापक अनुभवों के आधार पर की गई है। इससे पहले भी इस प्रकार की कई नियुक्तियां की गई थी।