कानपुर, 25 नवम्बर। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने उत्तर प्रदेश के मुख्य औद्योगिक नगर कानपुर को विभिन्न क्षेत्रों में ख्याति दिलाने में हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) के योगदान को महत्वपूर्ण बताते हुये कहा कि इस तरह के संस्थान किसी भी शहर को सर्वांगीण विकास के वाहक बनते हैं।
राष्ट्रपति कोविंद ने गुरुवार को कानपुर में अपने दो दिवसीय प्रवास के अंतिम दिन एचबीटीयू की स्थापना के शताब्दी वर्ष समारोह को संबोधित करते हुये यह बात कही।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद थीं।
इससे पहले राष्ट्रपति ने दीप प्रज्ज्वलित कर संस्थान के शताब्दी वर्ष समारोह का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने एक डाक टिकट, विशेष आवरण और 100 रुपये मूल्य के स्मारक सिक्के का विमोचन भी किया।
वहीं, राज्यपाल पटेल ने इतिहास की एक पुस्तक का विमोचन करते हुए प्रथम पुस्तक राष्ट्रपति को भेंट की। शताब्दी वर्ष समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि ‘मैंचेस्टर ऑफ द ईस्ट’, ‘लेदर सिटी ऑफ द वर्ल्ड’ तथा ‘इंडस्ट्रियल हब’ के रूप में कानपुर को जो प्रसिद्धि मिली उसके पीछे हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी द्वारा उपलब्ध करायी गई तकनीक और मानव संसाधन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
उन्होंने कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था के युग में भारत के युवा, सफलता के ऐसे अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं जिनकी कुछ वर्षों पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। राष्ट्रपति ने कहा कि आज समय की जरूरत है कि बेटियों को तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में भी आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इससे महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने उम्मीद जतायी कि कानपुर को कचरा-मुक्त शहर बनाने के प्रयास में, एचबीटीयू सहित कानपुर के सभी उच्च शिक्षण संस्थान, औद्योगिक अनुसंधान के सभी संस्थान, सभी विद्यार्थी तथा जिम्मेदार नागरिक मिलकर युद्ध-स्तर पर कार्य करेंगे।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति कोविन्द ने कानपुर यात्रा के पहले दिन बुधवार को मेहरबान सिंह का पुरवा स्थित चौधरी हरमोहन सिंह पैरामेडिकल साइंस एंड नर्सिंग संस्थान में चौधरी हरमोहन सिंह यादव के जन्म शताब्दी समारोह में शिरकत की थी। कानपुर, राष्ट्रपति का गृह जनपद भी है। इस दौरान उन्होंने यहां स्थित सर्किट हाउस में कानपुर में अपने पुराने मित्रों तथा रिश्तेदारों से भेंट कर उनसे पुरानी यादों को साझा किया।