नई दिल्ली, 9 नवम्बर। कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ का बलिदान देने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार का ‘राफेल डील’ में भ्रष्टाचार, रिश्वत और मिलीभगत को दफनाने के लिए ‘ऑपरेशन कवर-अप’ एक बार फिर उजागर हो गया है। कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने यहां कहा कि केंद्र में भाजपा सरकार ने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ का बलिदान दिया है। भारतीय वायुसेना के हितों को खतरे में डालकर देश के खजाने को हजारों करोड़ का नुकसान पहुंचाया गया है।
उन्होंने कहा, “पिछले पांच वर्षों से संदिग्ध राफेल सौदा मामले में प्रत्येक आरोप और पहेली का प्रत्येक टुकड़ा मोदी सरकार में बैठे सत्ता के उच्चतम स्तर तक के लोगों तक जाता है। ऑपरेशन कवर-अप में नवीनतम खुलासे से राफेल भ्रष्टाचार को दफनाने के लिए मोदी सरकार केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो- प्रवर्तन निदेशालय सीबीआई-ईडी के बीच संदिग्ध साठगांठ का पता चलता है।”
श्री खेडा ने राफेल सौदे में जांच का पूरा ब्योरा देते हुए कहा कि सबसे बड़ा रक्षा घोटाला है और केवल एक स्वतंत्र जांच ही घोटाले का खुलासा करने में सक्षम है। कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने अंतरराष्ट्रीय निविदा के बाद 526.10 करोड़ रुपये में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सहित एक राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए बातचीत की थी।
मोदी सरकार ने वही राफेल लड़ाकू विमान ,बिना किसी निविदा के, 1670 करोड़ रुपये में खरीदा। इसमें भारत को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण नहीं हुआ। कुल 36 जेट की लागत में अंतर लगभग 41,205 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा जरुरतों के संबंध में जानकारी विदेशियों का दी गयी और राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया गया।
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने, देशद्रोह और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के घोर उल्लंघन से कम नहीं है। सरकार को दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए । उन्होंने कहा कि सीमाओं पर पाक-चीन की धुरी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। एलएसी के पार बुनियादी ढांचे का निर्माण, नयी हवाई पट्टियों का निर्माण, मिसाइल आदि गंभीर चिंता का विषय है।