स्वतंत्रता संग्राम के नेताओं में एक सुभाष चंद्र बोस की भारतीय इतिहास में अनदेखी की गई : अमित शाह
पोर्ट ब्लेयर, 17 अक्टूबर। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि स्वतंत्रता संग्राम के नेताओं में से एक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भारतीय इतिहास में अनदेखी की गई और उन्हें समुचित स्थान दिया जाना चाहिए था। अमित शाह ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप में शनिवार को आयोजित विभिन्न विकास परियोजनाओं के उदघाटन/शिलान्यस कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान यह बात कही।
अंडमान में नेताजी का गौरवपूर्ण स्मारक बनाया जाएगा
अमित शाह ने विश्वास दिलाया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का अंडमान में गौरवपूर्ण स्मारक बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में 23 जनवरी को नेताजी जन्मदिवस मनाए जाने की पहले घोषणा की थी।
नेताजी ने वर्ष 1943 में यहां पहली बार फहराया था तिरंगा
गृह मंत्री ने कहा कि वह ऐतिहासिक द्वीप में उतरते समय उत्साहित महसूस कर रहे थे जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने दो रातें बिताई थीं। उन्होंने कहा कि यह वही स्थान है, जहां नेताजी ने 1943 में पहली बार तिरंगा फहराया था और इस पवित्र धरती को भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति से कई वर्ष पहले अंग्रेजों के शासन से मुक्त कराया था।
‘कोई भी हमसे देश के लिए जीने का अधिकार छीन नहीं सकता’
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने इन हीरो को सम्मान देने के लिए ही वर्ष 2018 में यहां तीन द्वीपों का नामकरण – स्वराज द्वीप, शहीद द्वीप और नेताजी सुभाष चंद्र बोस किया था ताकि युवा देश के स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान से प्रेरणा ले सकें। उन्होंने कहा, ‘हमें स्वतंत्रता संग्राम में शहीद होने का अवसर नहीं मिला, लेकिन कोई भी हमसे देश के लिए जीने का अधिकार छीन नहीं सकता।’