गृह मंत्रालय ने बढ़ाया बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र, अब गिरफ्तारी, तलाशी और जब्ती की भी अनुमति
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर। केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने देश के प्रमुख अर्ध सैनिक बल यानी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी करते हुए उसे गिरफ्तारी, तलाशी और जब्ती की शक्तियां भी प्रदान कर दी हैं। उसे सीआरपीसी के Passport Act and Passport (Entry to India) Act के तहत ये अधिकार दिए गए हैं।
दरअसल, मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर सीमा से लगे इलाकों के ‘शेड्यूल’ को संशोधित किया है, जहां बीएसएफ के पास पासपोर्ट अधिनियम, एनडीपीएस अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम जैसे अधिनियमों के तहत तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी की शक्तियां होंगी। सीमा सुरक्षा बल अधिनियम, 1968 (Border Security Force Act 1968) की धारा 139 केंद्र को समय-समय पर सीमा बल के संचालन के क्षेत्र और सीमा को अधिसूचित करने का अधिकार देती है।
बीएसएफ अधिकारी सीमावर्ती राज्यों में 50 किलोमीटर तक कर सकेंगे काररवाई
संशोधित अधिकारों के तहत बीएसएफ के अधिकारी अब पुलिस की तर्ज पर पश्चिम बंगाल, पंजाब और असम में गिरफ्तारी व तलाशी ले सकेंगे। वे बांग्लादेश और पाकिस्तान बॉर्डर से 50 किलोमीटर अंदर तक इन तीनों राज्यों में काररवाई कर सकेंगे। इससे पहले यह दायरा 15 किलोमीटर था। इसके अलावा बीएसएफ नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा, मणिपुर और लद्दाख में भी सर्च और अरेस्ट कर सकेगी।
गुजरात में कम किया गया अधिकार क्षेत्र
फिलहाल गुजरात में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र कटौती की गई है और सीमा का विस्तार 80 किमी से घटाकर 50 किमी हो गया है, जबकि राजस्थान में दायरा क्षेत्र पहले की तरह ही 50 किलोमीटर रखा गया है। पांच पूर्वोत्तर राज्यों मेघालय, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और मणिपुर के लिए कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी सीमा निर्धारित नहीं है।