लखीमपुर (उत्तर प्रदेश), 11 अक्टूबर। लखीमपुर खीरी में पिछले हफ्ते भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं और किसानों के बीच हुई हिंसक झड़प के मामले में मुख्य आरोपित आशीष मिश्र ‘मोनू’ को लखीमपुर के सीजेएम कोर्ट ने तीन दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी टीम अब आशीष से और अधिक सवाल-जवाब कर सकेगी।
पुलिस ने मांगी थी 14 दिनों की रिमांड
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र ‘टेनी’ के पुत्र आशीष को एसआईटी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीजेएम कोर्ट में पेश किया। अधिकारियों ने जांच का दायरा बढ़ाने के लिए आशीष की 14 दिनों की पुलिस रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने उसे तीन दिनों की रिमांड पर भेजा। अधिवक्ता एस.पी. यादव ने बताया कि आशीष की पुलिस रिमांड देते हुए कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं।
सुनवाई के दौरान आशीष मिश्र के वकील अवधेश सिंह के साथ पुलिस की तरफ से एडिशनल डायरेक्टर अभियोजन राजेश श्रीवास्तव और सहायक अभियोजन अधिकारी एसपी यादव भी मौजूद थे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को कनेक्ट करने में हुई दिक्कत की वजह से सुनवाई कुछ देर के लिए बाधित भी हुई।
आशीष से 12 घंटे तक पूछताछ, कई सवालों के जवाब नहीं मिले
पुलिस ने कोर्ट में कहा कि आशीष मिश्र से सिर्फ 12 घंटे पूछताछ हो पाई, जिसमें उसने कई सवालों के जवाब नहीं दिए। इस वजह से उसे 14 दिनों की पुलिस हिरासत चाहिए। दूसरी तरफ आशीष के वकील ने कहा कि पुलिस पर आशीष से पूछने के लिए सिर्फ 40 ही सवाल थे, जिनको पूछ लिया गया था।
वकील ने कहा कि 12 घंटे की सुनवाई में सिर्फ एक बार पानी दिया गया था। बिना ब्रेक के लगातार सवाल पूछे जाते रहे, जिनके जवाब दिए गए। आशीष के वकील की तरफ से कहा गया कि अगर पुलिस को पूछताछ ही करनी है तो वह जेल में जाकर कर सकती है।
गौरतलब है कि लखीमपुर हिंसा में चार किसानों और एक पत्रकार सहित नौ लोगों की मौत हुई थी। इस घटना को लेकर सम्पूर्ण विपक्ष ने राज्य सरकार पर हमला बोला है और विपक्षी नेता केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र की गिरफ्तारी की भी मांग कर रहे हैं।