उत्तर प्रदेश : इस साल भी नहीं होगी काशी की विश्व प्रसिद्ध रामलीला, अयोध्या से होगा सीधा प्रसारण
लखनऊ, 17 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रामनगर में सैकड़ों वर्ष से आयोजित की जा रही विश्वप्रसिद्ध रामलीला का मंचन कोरोना के कारण इस बार भी नहीं होगा। वाराणसी में रामनगर की सैकड़ों वर्ष से आयोजित की जा रही विश्वप्रसिद्ध रामलीला का मंचन कोरोना की वजह से इस बार भी नहीं होगा। हालांकि, भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में भव्य मंचन की तैयारियां चल रही है, जिसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अनेक गणमान्य लोगों को आमंत्रित किया गया है।
अयोध्या की राम लीला मंचन समिति के अध्यक्ष सुभाष मलिक का कहना है कोरोना दिशानिर्देशों का पालन करते हुए मंचन किया जाएगा। भव्य आयोजन को टीवी चैनलों के अलावा विभिन्न सोशल मीडिया के माध्य से दुनियाभर दिखाने की तैयारी है। धार्मिक नगरी काशी (वाराणसी) में सैकड़ों साल से चली आ रही रामनगर की प्रसिद्ध रामलीला की परंपरा लगतार दूसरे साल इस बार भी टूट गयी। काशी नरेश अनंत नारायण सिंह ने पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश को पत्र लिखकर पिछले माह 19 अगस्त को ही इस बारे में अवगत कराया था।
गौरतलब है कि काशी में रामनगर किला क्षेत्र में रामलीला का मंचन बिना किसी आधुनिक यंत्र एवं प्रकाश व्यवस्था की मदद से किया जाता है। वहां चमक दमक से दूर हजारों लोग खुले आसमान के नीचे जमीन पर बैठकर भक्तिभाव से रामलीला देखते हैं। लालटेन एवं दिये की रोशनी में मंचन किया जाता है। इसे देखने के लिए आसपास के अलावा देश-विदेश से लोग आते हैं। कोरोना महामारी का भय इस बार भी रामलीला मंचन पर भारी पड़ता दिख रहा है। बीते साल की तरह कई स्थानों पर ऐसे कार्यक्रम पहले ही रद्द कर दिये गये हैं, तो कहीं रामलीला मंच को वर्चुअल माध्यम से दुनियाभर के श्रद्धालुओं तक पहुंचाने की तैयारी है।रामलीलाओं का मंचन अश्विन माह (अक्टूबर) में होता है।