बंगाल उपचुनाव : ममता का नामांकन रद करने की मांग, भाजपा ने लगाया जानकारी छिपाने का आरोप
कोलकाता, 14 सितम्बर। पश्चिम बंगाल विधानसभा के उपचुनाव में भवानीपुर सीट से मैदान में उतरीं राज्य की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की मुखिया ममता बनर्जी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने फिर मोर्चाबंदी शुरू कर दी है। इस क्रम में भाजपा के एक एजेंट ने ममता द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी में आपराधिक मामलों को छिपाने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से उनका नामांकन रद करने की मांग की है।
ममता को चुनौती दे रहीं भाजपा की प्रियंका टिबरेवाल
गौरतलब है कि भाजपा ने ममता के खिलाफ पेशे से अधिवक्ता प्रियंका टिबरेवाल को खड़ा किया है, जिन्होंने सोमवार को अपना पर्चा दाखिल कर दिया। प्रियंका ने बीते विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में हुई हिंसा के खिलाफ टीएमसी को हाई कोर्ट तक घसीटा था और उन्हीं की याचिका पर हाई कोर्ट ने बंगाल पुलिस को हिंसा से जुड़े मामलों में केस दर्ज करने का आदेश दिया था। प्रियंका को बीते चुनाव में इंताली विधानसभा सीट पर टीएमसी उम्मीदवार के हाथों करीब 58 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा था।
टिबरेवाल के चुनावी एजेंट ने जताई ममता के नामांकन पर आपत्ति
प्रियंका टिबरेवाल के चुनावी एजेंट सजल घोष ने भवानीपुर उपचुनाव के रिटर्निंग अफसर को चिट्ठी लिख कर ममता बनर्जी के नामांकन पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा है कि ममता ने जो हलफनामा दाखिल किया है, उसमें उन्होंने खुद पर चल रहे पांच आपराधिक मामलों का जिक्र नहीं किया। सजल ने अपनी चिट्ठी में उन मामलों का भी जिक्र किया और बताया कि उन पर कहां-कहां केस दर्ज हैं। ज्ञातव्य है कि ममता ने बीते शुक्रवार को अपना नामांकन भरा था।
भाजपा के चुनावी एजेंट सजल ने जो पत्र लिखा है, उसमें ममता के खिलाफ पांच अलग-अलग मामले दर्ज होने का जिक्र है। ये सभी केस असम में दर्ज हैं। इनमें से कुछ मामले अप्रैल और मई महीने के भी हैं, जब पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हो रहे थे। घोष का आरोप है कि सीएम ममता ने अपने चुनावी एफिडेवट में ये जानकारी नहीं भरी। इसी वजह से उनका पर्चा खारिज करने के योग्य है।
प्रियंका बोलीं – मैं बंगाल के लोगों के लिए लड़ रही हूं
इस बीच भाजपा उम्मीदवार 41 वर्षीया टिबरेवाल ने नामांकन भरने के बाद अपना चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। दीवारों पर कमल निशान बनाकर चुनाव प्रचार कर रहीं प्रियंका ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल के लोगों को जिंदा रहने का अधिकार है। ये अधिकार टीएमसी के लोग छीन रहे हैं और इनके पीछे ममता बनर्जी खड़ी हैं तो उनके खिलाफ मेरी लड़ाई है। मैं बंगाल के लोगों के लिए लड़ रही हूं।’