मॉनसून सत्र का पहला दिन : विपक्ष ने नहीं होने दिया पीएम मोदी का भाषण, राजनाथ बोले – मर्यादाएं टूट रहीं
नई दिल्ली, 19 जुलाई। कोविड-19 महामारी, किसान आंदोलन और पेट्रो उत्पादों की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के बीच सोमवार से प्रारंभ संसद के मॉनसून सत्र का पहला दिन आशंकाओं के अनुरूप काफी हंगामेदार रहा, जब विपक्ष ने लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण तक पूरा नहीं होने दिया और इसी कारण पीएम अपने नए मंत्रियों का परिचय भी नहीं करा पाए।
नए मंत्रियों का परिचय तक नहीं करा सके पीएम
देखा जाए तो मॉनसून सत्र के पहले दिन ही विपक्षी सांसदों के आचरण से पीएम मोदी दुखी हो गए। लोकसभा में नए सांसदों के शपथ ग्रहण के साथ कार्यवाही शुरू हुई। इसके बाद पीएम मोदी उठे और अपने मंत्रियों का परिचय कराना शुरू किया, लेकिन तभी विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। पीएम ने इस पर निराशा जाहिर करते हुए कहा कि वह सोचकर आए थे कि आज सदन में उत्सासह का माहौल होगा, मगर ऐसा नहीं हुआ।
महिलाओं, दलितों का मंत्री बनना कुछ लोगों को पसंद नहीं
विपक्षी सांसदों के हंगामे पर पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, दलित भाई, आदिवासी, किसान परिवार से सांसदों को मंत्रिपरिषद में मौका मिला। उनका परिचय करने का आनंद होता। लेकिन शायद देश के दलित, महिला, ओबीसी, किसानों के बेटे मंत्री बनें, ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है। इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते।’
‘पिछले 24 वर्षों के संसदीय इतिहास में ऐसा कभी नहीं देखा’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी विपक्ष को जमकर लताड़ लगाई। उन्हों ने कहा कि पिछले 24 वर्षों के संसदीय इतिहास में उन्होंरने ऐसा कभी नहीं देखा। उन्होंने कहा कि सदन में परंपराएं टूट रही हैं। स्पीककर ओम बिरला ने भी विपक्षी सांसदों को उनके आचरण के लिए खरी-खोटी सुनाई।
विपक्ष के सांसदों के लगातार हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही पहली बार अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी गई। दोपहर दो बजे भी विपक्ष ने लोकसभा की कार्यवाही नहीं शुरू होने दी और तब इसका स्थगन अपराह्न तीन बजे तक कर दिया गया।
राज्यसभा की कार्यवाही भी स्थगित
उधर राज्यसभा की कार्यवाही भी विपक्ष के हंगामे के चलते अपराह्न तीन बजे तक स्थगित करनी पड़ी। दिन में अभिनेता दिलीप कुमार और वयोवृद्ध ओलंपियन मिल्खा सिंह सहित अन्य दिवंगत हस्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद सदन की कार्यवाही मध्याह्न बाद 12.30 बजे तक स्थगित की गई। जब कार्यवाही शुरू हुई तो पीएम नरेंद्र मोदी को अपना संबोधन विपक्ष के हंगामे के बीच रोकना पड़ा।
सभापति वेंकैया नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपना स्थान लेने की अपील की, लेकिन आक्रोशित सांसद वेल में पहुंच गए। हंगामा थमता न देख सभापति ने राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। लेकिन दोपहर दो बजे भी कार्यवाही शुरू नहीं हो सकी।
तीखे से तीखे सवाल पूछे विपक्ष, हम तैयार हैं : पीएम मोदी
इससे पूर्व सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले संसद परिसर में मीडिया से मुखातिब पीएम मोदी ने कहा था कि सरकार चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंरने कहा, ‘ये सदन परिणामकारी, सार्थक चर्चा के लिए समर्पित हो, देश की जनता जो जवाब चाहती है, वो जवाब देने की सरकार की पूरी तैयारी है। मैं सभी सांसदों और राजनीतिक दलों से आग्रह करूंगा कि वो तीखे से तीखे सवाल पूछें, लेकिन सरकार को शांत वातावरण में जवाब देने का मौका भी दें।’
मोदी ने कहा, ‘मैंने सदन के सभी नेताओं से आग्रह किया है कि अगर कल शाम को वो समय निकालें तो मैं महामारी के संबंध में सारी विस्तृत जानकारी उनको देना चाहता हूं। हम सदन के अंदर और सदन के बाहर भी चर्चा चाहते हैं।’