दुनिया के 9 देशों में डेल्टा प्लस वैरिएंट का खौफ, भारत में 22 मरीज इलाजरत : स्वास्थ्य मंत्रालय
नई दिल्ली, 22 जून। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोविड-19 संक्रमण का डेल्टा वैरिएंट भारत सहित 80 देशों में पाया गया है। इसे खतरनाक माना गया है। इसी क्रम में संक्रमण का डेल्टा प्लस वैरिएंट दुनिया के नौ देशों में विद्यमान है और भारत में इससे पीड़ित 22 मरीजों इलाज चल रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मंगलवार को यहां आहूत मीडिया कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि डेल्टा प्लस वैरिएंट अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस में पाए गए हैं।
महाराष्ट्र, केरल व एमपी में हैं डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले
राजेश भूषण ने बताया कि भारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 22 में से 16 मामले रत्नागिरी और जलगांव (महाराष्ट्र) में हैं और कुछ मामले केरल और मध्य प्रदेश में पाए गए हैं। मंत्रालय ने इसे लेकर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और केरल को पत्र भी लिखा है।
उन्होंने बताया, ‘सामान्य तौर पर देश में उपलब्ध दोनों भारतीय टीके कोविशील्ड और कोवैक्सीन डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी हैं। लेकिन वे किस हद तक और किस अनुपात में एंटीबॉडी बनाए हैं, इसकी जानकारी हम जल्द ही साथ साझा करेंगे।’
अब तक 63.68 फीसदी वैक्सिनेशन ग्रामीण इलाकों में
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी गई कि देश में 21 जून को 88 लाख से ज्यादा डोज लगाई गई। अब तक 29 करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। अब तक जिन लोगों को वैक्सीन दी गई है, उनमें से 53 फीसदी पुरुष और 46 फीसदी महिलाएं हैं। 63.68 फीसदी वैक्सिनेशन ग्रामीण इलाकों और 36.32 फीसदी शहरी इलाकों में किया गया है। कोविन एप में ट्रांसजेंडर का विकल्प भी दिया गया है।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डा. विनोद कुमार पॉल ने बताया, ‘ग्रामीण इलाकों में वैक्सिनेशन की रफ्तार अच्छी है। उन्होंने कहा कि कोरोना बार-बार रूप बदल रहा है। इसकी नई लहर जब आएगी, तब वैक्सीन नहीं लगे होने पर हम इसकी चपेट में आएंगे।’